Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2017 · 2 min read

सम्पूर्ण मतले वाली गजल

वज़्न – 22 22 22 22
अर्कान – फैलुन फैलुन फैलुन फैलुन
काफ़िया – अर
रदीफ़ – गैर मुरद्दफ ( बिना रदीफ़ के )
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आधारित धुन–मैं पल दो पल का शायर हु…

हम आये है दूरी चलकर।
तुम यार मिलो हमसे खुलकर।1

क्या डर बैठा कोई अन्दर।
जो बैठे शर्म हया लेकर।2

गर वापस लौट गये आकर।
तुम पछताओगे फिर जमकर।3

यह तेरी सोहबत का असर।
(यह तेरी सोहबत का’असर।)
रिन्द रहे जी पानी पीकर।4

नैना तेरे है जादूगर।
मानेगे मुझको ये ठगकर।5

मत देख सनम तू मुड मुडकर।
जादू करती है तिरी नजर।6

मैं रह जाता बस लुट लुट कर।
तकती है जब तू रूक रूक कर।7

भूले फरिश्ते भी रह गुजर।
सजदे में तेरे झुक झुक कर।8

मत रोक सनम मुझको छूकर।
बढने दे आगे जी भर कर।9

क्या हासिल होगा मरकर।
जीने दे तू मुझको हँसकर।10

मत तड़पा तू मुझको दिलबर।
दे राहत कुछ दिल को मिलकर।11

तू भर उड़ान पर फैलाकर।
छू ले जाकर के तू अम्बर। 12

सिमटे मत डाली पर जाकर।
इतरा मत थोड़ा सा पाकर। 13

बाहों में तेरी गिर गिर कर।
कर दू पूरी मैं मिरी उमर.। 14

तेरे बिन तन्हा रह रह कर।
जीता हूँ टुकड़ो में मर कर। 15

मैं भूल गया दुनियां की ‘डगर।
तेरी बाँहों में खत्म सफर। 16

मत भाग काम से तू डरकर।
ख्वाबो को पूरा कर डटकर। 17

मत जाग रात में है निशिचर ।

बस ख्वाब देख ने के खा ति र।18

तेरी क्या हैं ओकात बशर.।
जब सारी दु नियाँ एक सिफर।19

तो सुनले फिर यह बात डफर।
तू जी ले बस जर्रा बनकर।20

जो दुनियाँ का मालिक ऊपर।
करता है सबको इधर उधर। 21

नीली छ्तरी वाला ऊप्पर।
करता अपनी मेहर सब पर। 22

फिर क्यो जीता तू घुट घुट कर।
चल दौड़ भाग उठ हिम्मत कर।23

बाकी न रहे फिर कोइ कसर।
पूरी कर ले हसरत जमकर।24

क्यो पाप करें फिर तू छिपकर।
जर्रे जर्रे पर उसकी’ नजर।25

‘मधु’ कलम घिसाई कर हटकर ।
वरना क्या पा येगा लिख कर। 26

★मघु सूदन गौतम★

1 Like · 789 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इससे पहले कि ये जुलाई जाए
इससे पहले कि ये जुलाई जाए
Anil Mishra Prahari
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
❤️एक अबोध बालक ❤️
❤️एक अबोध बालक ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*बीमारी न छुपाओ*
*बीमारी न छुपाओ*
Dushyant Kumar
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Indu Singh
अनुभूत सत्य .....
अनुभूत सत्य .....
विमला महरिया मौज
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
Atul "Krishn"
புறப்பாடு
புறப்பாடு
Shyam Sundar Subramanian
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मत हवा दो आग को घर तुम्हारा भी जलाएगी
मत हवा दो आग को घर तुम्हारा भी जलाएगी
Er. Sanjay Shrivastava
आज वो भी भारत माता की जय बोलेंगे,
आज वो भी भारत माता की जय बोलेंगे,
Minakshi
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११)
Kanchan Khanna
मां की याद आती है🧑‍💻
मां की याद आती है🧑‍💻
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
घर के आंगन में
घर के आंगन में
Shivkumar Bilagrami
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी
खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मैं यूं ही नहीं इतराता हूं।
मैं यूं ही नहीं इतराता हूं।
नेताम आर सी
*फाग का रंग : बारह दोहे*
*फाग का रंग : बारह दोहे*
Ravi Prakash
फितरत
फितरत
Sidhartha Mishra
कथनी और करनी में अंतर
कथनी और करनी में अंतर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कुछ पंक्तियाँ
कुछ पंक्तियाँ
आकांक्षा राय
आखिर कब तक ?
आखिर कब तक ?
Dr fauzia Naseem shad
जिससे एक मर्तबा प्रेम हो जाए
जिससे एक मर्तबा प्रेम हो जाए
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
समस्या
समस्या
Neeraj Agarwal
सनातन
सनातन
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
The_dk_poetry
मुख अटल मधुरता, श्रेष्ठ सृजनता, मुदित मधुर मुस्कान।
मुख अटल मधुरता, श्रेष्ठ सृजनता, मुदित मधुर मुस्कान।
रेखा कापसे
💐प्रेम कौतुक-332💐
💐प्रेम कौतुक-332💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#जयहिंद
#जयहिंद
Rashmi Ranjan
हे नाथ कहो
हे नाथ कहो
Dr.Pratibha Prakash
Loading...