Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2017 · 1 min read

समाज

एक दूसरे के पुरक
मानव व समाज
खोजते हैं आपस में
अच्छे लोग,अच्छे दिन
संस्कार एवं सभ्यतायें
सुंदर भारत समृद्ध गाॅव
साफ राजनीति बेदाग नेता
जबकि हर तरफ समाज पर
आरोप लगाता धर्म जाति
पाप पुण्य तेरा मेरा की बातों
में स्वयं रोटियां भी सेकता
तंज कसते मूक से मानव
कभी कभी तुम भुल जाते हो
थोडे से प्रयासों पर पूर्ण रूप
सहमत अधिकार माँगते हो
गलतियों के पुतले कैसे तुम
बस सिर्फ इंसाफ मागते हो
कहीं तुम कर्ता,कहीं वक्ता हो
सुनो!तुम कड़ी तुम समाज हो
इसके रचियता व रचनाकार हो
संभलो तुम इसके अंगी कार भी
नीलम पांडेय नील

Language: Hindi
316 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फिलिस्तीन इजराइल युद्ध
फिलिस्तीन इजराइल युद्ध
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
💐Prodigy Love-45💐
💐Prodigy Love-45💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ शर्मनाक हालात
■ शर्मनाक हालात
*Author प्रणय प्रभात*
संकल्प
संकल्प
Bodhisatva kastooriya
दिव्य ज्योति मुखरित भेल ,ह्रदय जुड़ायल मन हर्षित भेल !पाबि ले
दिव्य ज्योति मुखरित भेल ,ह्रदय जुड़ायल मन हर्षित भेल !पाबि ले
DrLakshman Jha Parimal
यादें
यादें
Dr fauzia Naseem shad
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सुध जरा इनकी भी ले लो ?
सुध जरा इनकी भी ले लो ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आदित्य यान L1
आदित्य यान L1
कार्तिक नितिन शर्मा
निदा फाज़ली का एक शेर है
निदा फाज़ली का एक शेर है
Sonu sugandh
तेरा कंधे पे सर रखकर - दीपक नीलपदम्
तेरा कंधे पे सर रखकर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ईश्वर अल्लाह गाड गुरु, अपने अपने राम
ईश्वर अल्लाह गाड गुरु, अपने अपने राम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धर्म बनाम धर्मान्ध
धर्म बनाम धर्मान्ध
Ramswaroop Dinkar
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
Manisha Manjari
गुमराह नौजवान
गुमराह नौजवान
Shekhar Chandra Mitra
घर के आंगन में
घर के आंगन में
Shivkumar Bilagrami
" यही सब होगा "
Aarti sirsat
सधे कदम
सधे कदम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ऐ ज़िन्दगी ..
ऐ ज़िन्दगी ..
Dr. Seema Varma
Hello
Hello
Yash mehra
हँसने-हँसाने में नहीं कोई खामी है।
हँसने-हँसाने में नहीं कोई खामी है।
लक्ष्मी सिंह
9-अधम वह आदमी की शक्ल में शैतान होता है
9-अधम वह आदमी की शक्ल में शैतान होता है
Ajay Kumar Vimal
Dark Web and it's Potential Threats
Dark Web and it's Potential Threats
Shyam Sundar Subramanian
जो समझदारी से जीता है, वह जीत होती है।
जो समझदारी से जीता है, वह जीत होती है।
Sidhartha Mishra
जिनमें कोई बात होती है ना
जिनमें कोई बात होती है ना
Ranjeet kumar patre
एक बार बोल क्यों नहीं
एक बार बोल क्यों नहीं
goutam shaw
दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें)
दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें)
AJAY PRASAD
*लक्ष्मण-रेखा (कुंडलिया)*
*लक्ष्मण-रेखा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
छात्रों का विरोध स्वर
छात्रों का विरोध स्वर
Rj Anand Prajapati
परवरिश करने वाले को एहसास है ,
परवरिश करने वाले को एहसास है ,
Buddha Prakash
Loading...