Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2021 · 2 min read

सबका नम्बर आयेगा

सबका नम्बर आयेगा

अपने अंधे राजा की, खुलकर के जय-जयकार करें,
सबका नम्बर आयेगा बस, थोड़ा इंतज़ार करें।

लोगों के मरने-जीने से, उसको कोई फ़र्क़ नहीं,
देश भाड़ में जाये लेकिन, वोटों का प्रचार करें।

सत्ता की नज़रों में हम सब, केवल एक आँकड़ा हैं,
उन्हीं आंकड़ों में मौतों की, वृद्धि बेशुमार करें।

हम सब भ्रम पाले बैठे हैं, सत्ता हमें बचायेगी,
इस भ्रम को पाले-पाले ही, मृत्यु को स्वीकार करें।

मन्त्री, तन्त्री और संतरी, मौत से न बच पायेंगे,
इसीलिए इक-दूजे के संग, हम अच्छा व्यवहार करें।

सत्ता को नंगा कर डाला, देखो तो कोरोना ने,
ऐसे सत्ताधीशों को अब, मिलकर के धिक्कार करें।

सारी जनता मास्क लगाये, नेता मुँह खोले घूमे,
ऐसे पाखण्डी नेता बस, अपना ही उद्धार करें।

कोरोना के भीषण रण में, लाखों लोगों की रैली,
ऐसे नालायक़ नेताओं का, बहिष्कार हर बार करें।

ऑक्सिजन और अस्पताल भी, जो जनता को दे न सकी,
उस निर्लज्ज, निकम्मी सत्ता, पर हम क्यों न हम वार करें।

नेताओं के चक्कर में, हम सब आपस में लड़ते हैं,
कितने अपनों को खोया है, इस पर ज़रा विचार करें।

वोट हमारे लेकर के जो, माननीय बन बैठे हैं,
कोरोना में ग़ायब उन पर, हम जूतमपैजार करें।

जिन पर ज्यादा शक्ति नहीं वे, लगे हैं जान बचाने में,
सत्ताधारी महलों से, बस जुमलों की बौछार करें।

आलीशान महल साहेब का, सुनो जरूरी जनता से,
इतने देशभक्त नेता को, क्यों न हम सब प्यार करें।

चारों तरफ़ बिछी हैं लाशें, मिलता न शमशान कहीं,
इतने अच्छे दिन आये हैं, स्वागत बारम्बार करें।

नेताओं का एक लक्ष्य है, अय्याशी में कमी न हो,
डूब रही नैय्या भारत की, ईश्वर भव से पार करें।

चाटुकार, जनता के मरने, को भी सही बताते हैं,
ऐसे लोगों की बुद्धि का, ईश्वर ही उपचार करें।

सच्चाई लिखने से, सत्ता जेल में हमको डालेगी,
क्या केवल इतने डर से ही, झूठ का हम उच्चार करें।

सरकारों की चरण वन्दना, राष्ट्रभक्त न करते हैं,
नेताओं की चाटुकारिता, बुद्धि से लाचार करें।

सच न कहना तो मर जाने, से भी ज़्यादा बदतर है,
“रोहित” अपनी क़लम को बोलो, क्यों न हम तलवार करें।।

2 Comments · 315 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
Amit Pathak
गरिमामय प्रतिफल
गरिमामय प्रतिफल
Shyam Sundar Subramanian
■ झूठा विज्ञापन लोक...
■ झूठा विज्ञापन लोक...
*Author प्रणय प्रभात*
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
gurudeenverma198
It is that time in one's life,
It is that time in one's life,
पूर्वार्थ
विश्व गौरैया दिवस
विश्व गौरैया दिवस
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
Bhupendra Rawat
आंखों में नींद आती नही मुझको आजकल
आंखों में नींद आती नही मुझको आजकल
कृष्णकांत गुर्जर
💐प्रेम कौतुक-519💐
💐प्रेम कौतुक-519💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बरसात के दिन
बरसात के दिन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
परफेक्ट बनने के लिए सबसे पहले खुद में झांकना पड़ता है, स्वयं
परफेक्ट बनने के लिए सबसे पहले खुद में झांकना पड़ता है, स्वयं
Seema gupta,Alwar
क्या रखा है? वार में,
क्या रखा है? वार में,
Dushyant Kumar
" आज चाँदनी मुस्काई "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
Anand Kumar
छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात
छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
shabina. Naaz
2446.पूर्णिका
2446.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
विपरीत परिस्थितियों में भी तुरंत फैसला लेने की क्षमता ही सफल
विपरीत परिस्थितियों में भी तुरंत फैसला लेने की क्षमता ही सफल
Paras Nath Jha
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
रेत पर
रेत पर
Shweta Soni
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हम तुम्हें लिखना
हम तुम्हें लिखना
Dr fauzia Naseem shad
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
Keshav kishor Kumar
काश तुम मिले ना होते तो ये हाल हमारा ना होता
काश तुम मिले ना होते तो ये हाल हमारा ना होता
Kumar lalit
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
कवि रमेशराज
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हम अरबी-फारसी के प्रचलित शब्दों को बिना नुक्ता लगाए प्रयोग क
हम अरबी-फारसी के प्रचलित शब्दों को बिना नुक्ता लगाए प्रयोग क
Ravi Prakash
चंद्रयान 3 ‘आओ मिलकर जश्न मनाएं’
चंद्रयान 3 ‘आओ मिलकर जश्न मनाएं’
Author Dr. Neeru Mohan
वक़्त के शायरों से एक अपील
वक़्त के शायरों से एक अपील
Shekhar Chandra Mitra
कैसे देख पाओगे
कैसे देख पाओगे
ओंकार मिश्र
Loading...