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5 Apr 2017 · 1 min read

सफर का दरिया

सफर का दरिया है, पार ही नही होता,
ज़िंदगी गुजर रही है, तेरी यादों में अब,
हर कदम पर किसी से, प्यार नही होता,

रस्ते पहचाने से है, मुलाक़ात नही करता,
आता है कई बार तूफ़ान, तेरी यादों का,
चलता रहता हु, अब इंतज़ार नही होता,

सफर का दरिया है, पार ही नही होता।

बहुत मिले मौसम, अब खुशबू नही खोता,
निकल जाता है चेहरे से, रंग तेरी यादों का,
मिलाकर हंसी अश्क, चेहरे को हु भिगोता,

सफर का दरिया है, पार ही नही होता।

सफर बन गई है जिंदगी, आराम नही होता,
जिसे चाहा जान से ज्यादा, हमे उनका अब,
दीदार भी करना चाहे, तो दीदार नही होता,

सफर का दरिया है, पार ही नही होता।

Language: Hindi
452 Views
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