Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2017 · 1 min read

जाग्रत सूरज सदृश अच्छाँईंया, उपहार में दीं

डगर की अड़चनों ने मजबूतियाँ, उपकार में दींं |
आत्मबल की वृद्धि की पुरबाईंयाँ, मृदु प्यार में दीं|
जब लिखूँ , धक-धक करे दिल, निशारूपी कोह काँपे|
जाग्रत सूरज -सदृश अच्छाईंया, उपहार में दीं|

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

21-02-2017

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
LOVE-LORN !
LOVE-LORN !
Ahtesham Ahmad
प्रेम
प्रेम
Sushmita Singh
निरंतर प्रयास ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचाता hai
निरंतर प्रयास ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचाता hai
Indramani Sabharwal
मेरे नन्हें-नन्हें पग है,
मेरे नन्हें-नन्हें पग है,
Buddha Prakash
देने तो आया था मैं उसको कान का झुमका,
देने तो आया था मैं उसको कान का झुमका,
Vishal babu (vishu)
बिना पंख फैलाये पंछी को दाना नहीं मिलता
बिना पंख फैलाये पंछी को दाना नहीं मिलता
Anil Mishra Prahari
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh Manu
वो कत्ल कर दिए,
वो कत्ल कर दिए,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
💐प्रेम कौतुक-445💐
💐प्रेम कौतुक-445💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रस्तुति : ताटक छंद
प्रस्तुति : ताटक छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
दुसेरें को इज्जत देना हार मानव का कर्तंव्य है।  ...‌राठौड श्
दुसेरें को इज्जत देना हार मानव का कर्तंव्य है। ...‌राठौड श्
राठौड़ श्रावण लेखक, प्रध्यापक
राना दोहावली- तुलसी
राना दोहावली- तुलसी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अपने को अपना बना कर रखना जितना कठिन है उतना ही सहज है दूसरों
अपने को अपना बना कर रखना जितना कठिन है उतना ही सहज है दूसरों
Paras Nath Jha
23/202. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/202. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे आदमी, क्यों समझदार होकर भी, नासमझी कर रहे हो?
हे आदमी, क्यों समझदार होकर भी, नासमझी कर रहे हो?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इंसान होकर जो
इंसान होकर जो
Dr fauzia Naseem shad
आ जाओ घर साजना
आ जाओ घर साजना
लक्ष्मी सिंह
#सामयिक ग़ज़ल
#सामयिक ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
विश्वामित्र-मेनका
विश्वामित्र-मेनका
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गीत
गीत
जगदीश शर्मा सहज
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
कठिन समय रहता नहीं
कठिन समय रहता नहीं
Atul "Krishn"
"नजरिया"
Dr. Kishan tandon kranti
मईया एक सहारा
मईया एक सहारा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*
*"बीजणा" v/s "बाजणा"* आभूषण
लोककवि पंडित राजेराम संगीताचार्य
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
बिहार में डॉ अम्बेडकर का आगमन : MUSAFIR BAITHA
बिहार में डॉ अम्बेडकर का आगमन : MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
Ravi Prakash
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
manjula chauhan
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...