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13 Feb 2018 · 1 min read

8 रागनी किस्सा स्कृति बचाओं अभियान

तर्ज:- मेरे नैयना सावन बहदो फिर भी मेरा मन प्यासा,

नंगा नाच होवै चौगरदै, या कोड कहाणी होगी ।
सबनै मिलकै म्हारी , संस्कृति जरुर बचाणी होगी..!! टेक!!

आपस के म्हं मेल बढ़े तैं, यो हृदय चमन खिलैगा,
वेद पुराण और उपनिषदों के, ज्ञान तैं दीप जलैगा,
गऊ गंगे और गायत्री का, सिद्धि हवन चलैगा,
धर्म कर्म भी बणे रहवैं , फेर पाप नहीं फलैगा
वैदिक शिक्षा मिलै जहां पै , इसी चाल बणाणी होगी ।।

म्हारी संस्कृति म्हारा स्वाभिमान का भवन त्यार हो,
सामवेद की भी दीक्षा मिलज्या , निर्मल हर कलाकार हो,
गायन, वादन और नृत्य की शिक्षा एक सार हो,
ना रह कोए द्वेष क्लेश, आपस के म्हं प्यार हो,
सब कवियों को सम्मान मिलै, इसी रीत चलाणी होगी..!!२!!

अश्लीलता का खोज मिटै, जड़ै , ज्ञान के गंग बहवैंगे,
सेंसर बोर्ड पारित होज्या तै, एकदम भूंडे गहवैंगे,
गलत गावै और गलत लिखै जो , फंद के बीच फहवैंगे,
स्वच्छ होज्या आत्मा फिर, किले गन्दयां के ढहवैंगे,
जात्य पात्य की जो करै लड़ाई , वा जड़ तैं मिटाणी होगी..!!३!!

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, यो लक्ष्य संघ म्हारे का,
निर्धन की सुता ना रह क्वारी , देैंगे साथ हारे का,
कोए कवि भी छुप्या रहै ना, जै मिलै साथ भाईचारे का,
गुरु कपीन्द्र शर्मा ख्याल करो, मनजीत पाहसोरिया थारे का
जन – जन तक हम सन्देश पहुँचावैं, जो गुरुआँ की बाणी होगी..!!४!!

रचनाकार :- पं मनजीत पहासौरिया
फोन नं ०:- 9467354911

Language: Hindi
264 Views
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