Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2016 · 1 min read

शुभसंकल्प

विषयों में रमने वाला मन, प्रेमामृत का प्याला हो।
सत्य धर्म शुचिता सद्गुण की, गुथीं सुभग इक माला हो।
वेगवान हृदयस्थ ज्यो’तिर्मय, जो जग में विचरण करता।
कर्मों का प्रेरक मेरा मन, शुभसंकल्पों वाला हो।
अंकित शर्मा’इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)

Language: Hindi
1 Comment · 247 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
View all
You may also like:
गद्दार है वह जिसके दिल में
गद्दार है वह जिसके दिल में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कागजी फूलों से
कागजी फूलों से
Satish Srijan
पत्थर
पत्थर
manjula chauhan
"एक जंगल"
Dr. Kishan tandon kranti
कहां से कहां आ गए हम....
कहां से कहां आ गए हम....
Srishty Bansal
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
Ravi Ghayal
हरे! उन्मादिनी कोई हृदय में तान भर देना।
हरे! उन्मादिनी कोई हृदय में तान भर देना।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
!! सुविचार !!
!! सुविचार !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
गिनती
गिनती
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
बदलते रिश्ते
बदलते रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
*
*"अवध के राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
कर्बला की मिट्टी
कर्बला की मिट्टी
Paras Nath Jha
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
Ashok deep
"तुम्हारी गली से होकर जब गुजरता हूं,
Aman Kumar Holy
23/115.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/115.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
उड़ानों का नहीं मतलब, गगन का नूर हो जाना।
उड़ानों का नहीं मतलब, गगन का नूर हो जाना।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कोशी के वटवृक्ष
कोशी के वटवृक्ष
Shashi Dhar Kumar
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
धृतराष्ट्र की आत्मा
धृतराष्ट्र की आत्मा
ओनिका सेतिया 'अनु '
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
कवि रमेशराज
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
■
■ "टेगासुर" के कज़न्स। 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
17रिश्तें
17रिश्तें
Dr Shweta sood
मोहता है सबका मन
मोहता है सबका मन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
घर छोड़ गये तुम
घर छोड़ गये तुम
Rekha Drolia
*पाया दुर्लभ जन्म यह, मानव-तन वरदान【कुंडलिया】*
*पाया दुर्लभ जन्म यह, मानव-तन वरदान【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
एक  चांद  खूबसूरत  है
एक चांद खूबसूरत है
shabina. Naaz
आपको याद भी
आपको याद भी
Dr fauzia Naseem shad
Loading...