Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2017 · 2 min read

शिव

श्रावण झडी़ लग गई, घटा घनी घनघोर।
भांग धतूरा घुट रहा, चढ़ा भक्ति का जोर।
श्रावण मन-भावन अति, खूब सजै देवालय।
शिव पूजन सुमास यह, सब पूज रहे शिवालय।

हे रुद्र,शिव,अंगीरागुरु,अंतक,अंडधर,अंबरीश,
अकंप,अक्षतवीर्य,अक्षमाली,अघोर,प्रभू गिरीश।
अचलेश्वर,अजातारि,अज्ञेय, मस्तक पर रजनीश।
अतीन्द्रिय,अनघ,अनिरुद्ध,अनेकलोचन, जगदीश।

अद्भुत अप्रतिम अपानिधि,अभिराम,अभीरु,
शंभू छवि दिव्य ज्योति कलश उड़ेल रही।
प्रकाश पुंज आलोक से सुरभि चैतन्य विवेक हुई।
ऊर्जा विहल्ल सिंधु लहराया,शुभ्र पद्म शतदल खिलाया।
अवनि हुलसी,पुर्वा विलसी, ब्रह्माण्ड हर्ष उल्लास छाया।
स्वर्णिम नीलवर्ण जीवन ने अर्चन हेतु जब शीश नवाया।
तीन लोक देखो एक हुए,हैअंबरीश में सर्व विश्व समाया।

हे आदिगुरु,हे नीलकंठ,हे गंगाधर,शिव प्रलयंकर।
हे अंगीरागुरु,हे परमयोगी, त्रयंबकेश्वर, शिव शंकर।
हे उमापति परमगति दो, पुरुषार्थ और अक्षय शक्ति दो।
बुद्धि विद्या सुमति दो,मुझ दासी को अखंड भक्ति दो।

हे अमृतेश्वर, तू तन मन में,तू बाहर तूही अंतर्मन में।
है अमोघ तू सर्व दिशा,भू पर्यावरण के है कण कण में।
हे रुद्र,अंतक,अंडधर, मेरा रोम-रोम शिव शिव कहता।
मेरी रक्त धमनियों में नाम तेरा,लहु बनकर है बहता।

हे अकंप,अक्षतवीर्य, अस्तित्व तेरा असीम अनंत अपार।
अक्षमाली,अमृतेश्वर,अमोघ, तेरी जटा से बहती गंगधार।
हे अघोर,अचलेश्वर,अत्रि,अज्ञेय,नीलकंठ गले भुजंग हार अभदन,अतीन्द्रिय,अनघ,अनिरुद्ध,अभीरु,जगपालनहार

अनेकलोचन,अपानिधि,त्रिनेत्रधारेश्वर शिव हैं।
अभिराम,अजातारि,मंगल अर्धनारेश्वर शिव हैं।
देखो, अंबर की नीलीमा में शिव हैं,
अचला की हरीतिमा में शिव हैं।
हैं अनंत सृष्टि महिमा में शिव,
सहज,सद्भावना की गरिमा में शिव हैं।

थल जल चल अचल में शिव,
हर लोक,युग हरपल में शिव हैं।
सभी देवों में शिव प्रमुख,
श्री विष्णु और ब्रह्मा में शिव हैं।

देखो अक्षत ऊर्जा ऊष्मा में शिव,
शिव ज्योति चैतन्य दाता हैं।
शिव सत्यं शिवम् सुंदरम हैं,
शिव ऊर्जस्वित अस्तित्व विधाता हैं।

शिव अनादि अमि अनुपम पावन हैं,
शिव सावन अतिशय सुहावन हैं।
शिव निर्मल हैं, शिव अविरल हैं,
शिव सौम्य स्वभाव सरल हैं।
शिव संसार भी हैं संघार भी हैं,
शिव समस्त जीवन संचार भी हैं।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
Tag: गीत
741 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहे - नारी
दोहे - नारी
sushil sarna
हे पैमाना पुराना
हे पैमाना पुराना
Swami Ganganiya
जमाने की अगर कह दूँ, जमाना रूठ जाएगा ।
जमाने की अगर कह दूँ, जमाना रूठ जाएगा ।
Ashok deep
"परिपक्वता"
Dr Meenu Poonia
#अग्रिम_शुभकामनाएँ
#अग्रिम_शुभकामनाएँ
*Author प्रणय प्रभात*
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
कवि रमेशराज
पिता का पता
पिता का पता
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
💐प्रेम कौतुक-220💐
💐प्रेम कौतुक-220💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम गंगा की अल्हड़ धारा
तुम गंगा की अल्हड़ धारा
Sahil Ahmad
"प्यास"
Dr. Kishan tandon kranti
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
Vishal babu (vishu)
किसी को अगर प्रेरणा मिलती है
किसी को अगर प्रेरणा मिलती है
Harminder Kaur
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
प्रेम लौटता है धीमे से
प्रेम लौटता है धीमे से
Surinder blackpen
गीत(सोन्ग)
गीत(सोन्ग)
Dushyant Kumar
जाम पीते हैं थोड़ा कम लेकर।
जाम पीते हैं थोड़ा कम लेकर।
सत्य कुमार प्रेमी
बाल नृत्य नाटिका : कृष्ण और राधा
बाल नृत्य नाटिका : कृष्ण और राधा
Dr.Pratibha Prakash
सुनो...
सुनो...
हिमांशु Kulshrestha
गैरों सी लगती है दुनिया
गैरों सी लगती है दुनिया
देवराज यादव
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
भारत की पुकार
भारत की पुकार
पंकज प्रियम
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
आर.एस. 'प्रीतम'
दाम रिश्तों के
दाम रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
*शब्द*
*शब्द*
Sûrëkhâ Rãthí
वादा
वादा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*विश्व योग का दिन पावन, इक्कीस जून को आता(गीत)*
*विश्व योग का दिन पावन, इक्कीस जून को आता(गीत)*
Ravi Prakash
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
Kavita Chouhan
जमाने में
जमाने में
manjula chauhan
Loading...