Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2017 · 2 min read

शिक्षक

शिक्षक दिवस पर …!
???????
*तुम ही कृष्णा तुम ही राम *
******************
छैनी और हथौड़ी लेकर ,
मूर्तिकार ज्यों मूर्ति उभारे ।
शिष्यों के कल को शिक्षक ही,
अपने हाथों गढ़े सँवारे।।
तुमको बारम्बार प्रणाम ।
तुम ही कृष्णा तुम ही राम ।।
*
हम गीली मिट्टी के लौंदे ,
जैसे चाहो ढल जाते हैं ।
नहीं मिले संरक्षण तो फिर ,
ढेले जैसे गल जाते हैं ।।
पाषाणों के हम हैं टुकड़े ,
हम में छिपी हुई है मूरत ।
थोड़ा कोई काट-छाँट दे,
दिख जाती है असली सूरत ।।
ठोक पीट कर काट-छाँट कर ,
तुमने ही तो रूप निखारे ।
शिष्यों के कल को शिक्षक ही ,
अपने हाथों गढ़े सँवारे ।।
तुमको बारम्बार प्रणाम ।
तुम ही कृष्णा तुम ही राम ।।
*
तुमने ही शिक्षा देकर के ,
उर में दीपक ज्ञान जलाया ।
तुमने ही सत पथ पर हमको ,
हे गुरुवर ! चलना सिखलाया ।।
मोल ज्ञान का नहीं चुकेगा,
जीवन भर के ऋणी हो गये ।
तुमने सिर पर हाथ रखा तो ,
मन के दूषित भाव खो गये ।।
करें वंदना शीश झुका कर,
हम सब प्यारे शिष्य तुम्हारे ।
शिष्यों के कल को शिक्षक ही ,
अपने हाथों गढ़े सँवारे ।।
तुमको बारम्बार प्रणाम ।
तुम ही कृष्णा तुम ही राम ।।
*
जिसने गुरु की आज्ञा मानी ,
उसका ही जीवन सँवरा है ।
जीवन की गलियाँ टेढ़ी हैं ,
पथ भी इसका अति सँकरा है ।।
बड़े भाग्य शाली हैं हम सब ,
कृपा आपकी हमने पाई ।
ब्रह्मा विष्णु महेश आप हैं,
रहें आप गुरु सदा सहाई।।
कभी आपने डाँटा भी तो,
कभी प्रेम से सभी दुलारे ।
शिष्यों के कल को शिक्षक ही ,
अपने हाथों गढ़े सँवारे ।।
तुमको बारम्बार प्रणाम ।
तुम ही कृष्णा तुम ही राम ।।

महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
???

Language: Hindi
Tag: गीत
257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all
You may also like:
My Lord
My Lord
Kanchan Khanna
RATHOD SRAVAN WAS GREAT HONORED
RATHOD SRAVAN WAS GREAT HONORED
राठौड़ श्रावण लेखक, प्रध्यापक
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
Vishal babu (vishu)
हर गम छुपा लेते है।
हर गम छुपा लेते है।
Taj Mohammad
"लक्की"
Dr Meenu Poonia
"दिल चाहता है"
Pushpraj Anant
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
" सुर्ख़ गुलाब "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
2740. *पूर्णिका*
2740. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भगवान ने कहा-“हम नहीं मनुष्य के कर्म बोलेंगे“
भगवान ने कहा-“हम नहीं मनुष्य के कर्म बोलेंगे“
कवि रमेशराज
रातों पर अब कोई शिकवा नहीं है
रातों पर अब कोई शिकवा नहीं है
कवि दीपक बवेजा
अधिकांश लोग बोल कर
अधिकांश लोग बोल कर
*Author प्रणय प्रभात*
निरोगी काया
निरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"अपेक्षाएँ"
Dr. Kishan tandon kranti
महापुरुषों की मूर्तियां बनाना व पुजना उतना जरुरी नहीं है,
महापुरुषों की मूर्तियां बनाना व पुजना उतना जरुरी नहीं है,
शेखर सिंह
February 14th – a Black Day etched in our collective memory,
February 14th – a Black Day etched in our collective memory,
पूर्वार्थ
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
Anand Kumar
अनेक मौसम
अनेक मौसम
Seema gupta,Alwar
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
Dr Archana Gupta
सुप्रभात..
सुप्रभात..
आर.एस. 'प्रीतम'
ताप जगत के झेलकर, मुरझा हृदय-प्रसून।
ताप जगत के झेलकर, मुरझा हृदय-प्रसून।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मेनका की ‘मी टू’
मेनका की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
ruby kumari
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
जय लगन कुमार हैप्पी
महफिल में तनहा जले,
महफिल में तनहा जले,
sushil sarna
दिल की बात बताऊँ कैसे
दिल की बात बताऊँ कैसे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
“तड़कता -फड़कता AMC CENTRE LUCKNOW का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम” (संस्मरण 1973)
“तड़कता -फड़कता AMC CENTRE LUCKNOW का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम” (संस्मरण 1973)
DrLakshman Jha Parimal
*चाकलेट बढ़ि‌या रही, लेकर बाजी मार (कुंडलिया)*
*चाकलेट बढ़ि‌या रही, लेकर बाजी मार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...