Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2016 · 1 min read

शिक्षक

जो शिक्षित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं।
जो दीक्षित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते है।
दिशा दिखाये दे दृष्‍टांत, आगाह करे, अपनाए,
प्रतिरक्षित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं।।

दे कर अक्षरज्ञान चढ़ाये, शिक्षा के सोपान।
अनुशासन, जीवन संस्‍कृति का, देता जो संज्ञान।
धर्म, कर्म, सौहार्द, प्रेम का, देता है जो ज्ञान।
दे शिक्षा सेवार्थ कराता है, हमको प्रस्‍थान।
परिमार्जित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं।।

युगों-युगों से चली आ रही, है जो परम्‍पराएँ।
प्रलय प्रभंजन से ले कर, अवतारों की गाथाएँ।
लिख जाए जो परिवर्तन की, आधारभूत रचनाएँ।
जो शिक्षा को वर्तमान परिप्रेक्ष्‍य में भी समझाएँ।
परिवर्धित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं।।

सौर जगत् का शिरोधार्य, पारसमणि है ज्‍यूँ दिनकर।
जीव जगत् का अहोभाग्‍य, मानवमणि है इस भू पर।
गुरु गोविन्‍द से भी भारी है, गुरु चरणों को छू कर।
श्रीगणेश करते, महा अष्‍टविनायक का पूजन कर।
अभिमंत्रित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते है।।

गुरु की महिमा अपरंपार, बखानी है ग्रंथों ने।
सुर, मुनि, असुर, देव, दानव, ज्ञानी, समस्‍त पंथों ने।
क्‍या पुराण, क्‍या वेद शास्‍त्र के, रचयिता संतों ने।
मठ, मंदिर के, पीठों के आचार्यों ने,पन्‍तों ने।
स्‍थापित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते है।।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 333 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"फर्क"-दोनों में है जीवन
Dr. Kishan tandon kranti
कर्म का फल
कर्म का फल
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
उम्मीद
उम्मीद
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
"किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जिंदगी आंदोलन ही तो है
जिंदगी आंदोलन ही तो है
gurudeenverma198
कौन कहता है ज़ज्बात के रंग होते नहीं
कौन कहता है ज़ज्बात के रंग होते नहीं
Shweta Soni
ये मौन अगर.......! ! !
ये मौन अगर.......! ! !
Prakash Chandra
भ्रम
भ्रम
Shyam Sundar Subramanian
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कवि रमेशराज
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
Vishal babu (vishu)
“बदलते भारत की तस्वीर”
“बदलते भारत की तस्वीर”
पंकज कुमार कर्ण
वो ज़िद्दी था बहुत,
वो ज़िद्दी था बहुत,
पूर्वार्थ
दोहा - चरित्र
दोहा - चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जन्मदिन पर लिखे अशआर
जन्मदिन पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
Swami Vivekanand
Swami Vivekanand
Poonam Sharma
!! हे उमां सुनो !!
!! हे उमां सुनो !!
Chunnu Lal Gupta
एक मेरे सिवा तुम सबका ज़िक्र करती हो,मुझे
एक मेरे सिवा तुम सबका ज़िक्र करती हो,मुझे
Keshav kishor Kumar
राहों में उनके कांटे बिछा दिए
राहों में उनके कांटे बिछा दिए
Tushar Singh
ये   दुनिया  है  एक  पहेली
ये दुनिया है एक पहेली
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
"मिलते है एक अजनबी बनकर"
Lohit Tamta
आइए जनाब
आइए जनाब
Surinder blackpen
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
सत्य कुमार प्रेमी
"प्यासा"मत घबराइए ,
Vijay kumar Pandey
हिंदी
हिंदी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
2861.*पूर्णिका*
2861.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"गाँव की सड़क"
Radhakishan R. Mundhra
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
मनोज कर्ण
"सफाई की चाहत"
*Author प्रणय प्रभात*
पथ प्रदर्शक पिता
पथ प्रदर्शक पिता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...