शायरी तक आ गए
हम जो डूबे प्यार में तो शायरी तक आ गए
भाव दिल के सब उतर कर लेखनी तक आ गए
जीत तो पाये नहीं हम दिल तुम्हारा प्यार में
पर ख़ुशी है हम तुम्हारी दोस्ती तक आ गए
नाम पर अब आधुनिकता के यहाँ पर दोस्तो
नौजवानों के कदम आवारगी तक आ गए
याद की पगडंडियों पर चलते चलते हम यहाँ
अपने पहले प्यार की सँकरी गली तक आ गए
जानते थे प्यार का मतलब नही हम ‘अर्चना’
पर चले जब राह इसकी बन्दग़ी तक आ गए
डॉ अर्चना गुप्ता