Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2018 · 1 min read

शहादत साहिबजादों की।

सिरसा नदी के किनारे,
गुरुद्वारा बीछोड़ा साहिब जी;
यही वह स्थान जहां बिछड़ा,
परिवार मेरे साहिब का जी।

जब हुए होंगे सब जुदा,
मां का हुआ होगा क्या हाल जी;
क्या बीती होगी मां के दिल पर,
जिसने खो दिये चारों लाल (पुत्र)जी।

कैसे ठंडी हवा होगी चल रही,
ठंडे बुर्ज में वो कौन कांप रही;
कैसे बीती होगी रात सोचना,
दादी गुजरी के साथ गोविंद के लाल जी।

नींव में शहीद होने को तयार,
माता सुंदरी के नन्हें लाल जी;
फतेह सिंह और ज़ोरावर सिंह ने,
कर दिया कमाल जी।

दशमेश पिता के बड़े लाल,
साहिबजादे अजीत और जुझार जी;
शहादत को लख लाख बार नमन,
मान बढ़ा, कर गए पंथ की जीत जी।

कुलदीप कौर “दीप”

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 403 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
आत्म बोध
आत्म बोध
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अधूरे ख्वाब
अधूरे ख्वाब
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
मै स्त्री कभी हारी नही
मै स्त्री कभी हारी नही
dr rajmati Surana
जीवन - अस्तित्व
जीवन - अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
माँ
माँ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जाग गया है हिन्दुस्तान
जाग गया है हिन्दुस्तान
Bodhisatva kastooriya
ठंडा - वंडा,  काफ़ी - वाफी
ठंडा - वंडा, काफ़ी - वाफी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सूरज नमी निचोड़े / (नवगीत)
सूरज नमी निचोड़े / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
🙅विषम-विधान🙅
🙅विषम-विधान🙅
*Author प्रणय प्रभात*
आज के माहौल में
आज के माहौल में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Exam Stress
Exam Stress
Tushar Jagawat
आने घर से हार गया
आने घर से हार गया
Suryakant Dwivedi
2522.पूर्णिका
2522.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रेत मुट्ठी से फिसलता क्यूं है
रेत मुट्ठी से फिसलता क्यूं है
Shweta Soni
शिव विनाशक,
शिव विनाशक,
shambhavi Mishra
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
Atul "Krishn"
सावन‌....…......हर हर भोले का मन भावन
सावन‌....…......हर हर भोले का मन भावन
Neeraj Agarwal
Dil toot jaayein chalega
Dil toot jaayein chalega
Prathmesh Yelne
यह कैसा पागलपन?
यह कैसा पागलपन?
Dr. Kishan tandon kranti
🌷ज़िंदगी के रंग🌷
🌷ज़िंदगी के रंग🌷
पंकज कुमार कर्ण
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ख़ुद से ख़ुद को
ख़ुद से ख़ुद को
Akash Yadav
हाथों ने पैरों से पूछा
हाथों ने पैरों से पूछा
Shubham Pandey (S P)
बड़े लोग क्रेडिट देते है
बड़े लोग क्रेडिट देते है
Amit Pandey
R J Meditation Centre, Darbhanga
R J Meditation Centre, Darbhanga
Ravikesh Jha
न्याय तो वो होता
न्याय तो वो होता
Mahender Singh
*गंगा उतरीं स्वर्ग से,भागीरथ की आस (कुंडलिया)*
*गंगा उतरीं स्वर्ग से,भागीरथ की आस (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कुछ पैसे बचा कर रखे हैं मैंने,
कुछ पैसे बचा कर रखे हैं मैंने,
Vishal babu (vishu)
सत्य की खोज
सत्य की खोज
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...