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7 Jul 2017 · 1 min read

“शब्द माँ”

बड़ा मुख़्तसर स शब्द है “माँ”,
जो गहराइयो मे उतरा तो आँखे खुल गई!
दर-बदर भटका मैं जिसे पाने को,
वो जन्नत मेरे माँ के कदमो मे मिल गई!!
और ढूंढता रहा उम्र भर मैं जिसे,
आकर वो ओहदे मेरे कदमो मे गिर गए!
ये करिश्मा भी तो तब हुआ ज़ैद,
जब माँ के हाथ दुआओ को उठ गए!!
मेरे कदम राहो पर पड़े और मंज़िले बुलाने लगी!
लगता है मेरी खातिर माँ दुआए अर्ष पर पहुचने लगी!!
उम्र कम पड़ जायेगी फिर भी गीना न पाउँगा!
माँ तेरे एहसान मर भी न चुका पाउँगा!!

(((ज़ैद बलियावी)))

Language: Hindi
1 Like · 333 Views
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