Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2017 · 1 min read

वो गरीब थे!

वो रात भर ठण्ड से ठिठुरते रहे
छोटे बच्चे थे
गरीब थे
नही थे पैसे कुछ गर्म कपड़े ले ले
किसी ने उनकी सुध ना ली
नही किसी का उनके तरफ ध्यान गया
सब अपने अपने में व्यस्त थे
वो गरीब थे,छोटे बच्चे थे
रहने को घर नही,
खाने को खाना नही,
सोने को छत नही,
क्या करे मजबूर थे
हा वो गरीब जो थे
करुणा,भाव नही किसी का जागा
रात भर वो ठण्ड से ठिठुरते रहे
वो गरीब थे!!

®आकिब जावेद

Language: Hindi
254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Akib Javed
View all
You may also like:
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
👉अगर तुम घन्टो तक उसकी ब्रेकअप स्टोरी बिना बोर हुए सुन लेते
👉अगर तुम घन्टो तक उसकी ब्रेकअप स्टोरी बिना बोर हुए सुन लेते
पूर्वार्थ
रजनी कजरारी
रजनी कजरारी
Dr Meenu Poonia
*
*"हरियाली तीज"*
Shashi kala vyas
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
Shiva Awasthi
दो घूंट
दो घूंट
संजय कुमार संजू
মানুষ হয়ে যাও !
মানুষ হয়ে যাও !
Ahtesham Ahmad
*जीवन में तुकबंदी का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
*जीवन में तुकबंदी का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
#दीनदयाल_जयंती
#दीनदयाल_जयंती
*Author प्रणय प्रभात*
बिल्कुल नहीं हूँ मैं
बिल्कुल नहीं हूँ मैं
Aadarsh Dubey
गज़ल सी कविता
गज़ल सी कविता
Kanchan Khanna
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
gurudeenverma198
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Dr fauzia Naseem shad
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सच
सच
Neeraj Agarwal
"तेरी खामोशियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत
किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
Abhishek Soni
3065.*पूर्णिका*
3065.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्री राम अयोध्या आए है
श्री राम अयोध्या आए है
जगदीश लववंशी
संवेदनहीन
संवेदनहीन
अखिलेश 'अखिल'
अकेले हुए तो ये समझ आया
अकेले हुए तो ये समझ आया
Dheerja Sharma
मुझे पता है।
मुझे पता है।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
हो नजरों में हया नहीं,
हो नजरों में हया नहीं,
Sanjay ' शून्य'
घाटे का सौदा
घाटे का सौदा
विनोद सिल्ला
जनमदिन तुम्हारा !!
जनमदिन तुम्हारा !!
Dhriti Mishra
जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं
जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं
VINOD CHAUHAN
'हक़' और हाकिम
'हक़' और हाकिम
आनन्द मिश्र
ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास!
ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास!
Neelam Sharma
Loading...