Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2017 · 1 min read

वेलेंटाइन पर गजल

लो सुनो अब हाल दिल क्या हो गया।
इश्क का ही भूत सारा हो गया।* 0*
*
साथिया होती है मजबूरी कभी।
देखिये तो फिर भी लिखना हो गया।*1*
*
दान देते सब समय का कीमती।
वक्त मिलना ज्यूँ फ़साना हो गया।*2*
*
कुछ समय के बाद मिलते है सभी।
वक्त सबका अब सयाना हो गया।*3*
*
हो गई है जीस्त भी फ़ुटबाल सी।
क्या करें इन्सां खिलौना हो गया।*4*
*
मधु उलझ इतना गया है दोसतो।
इश्क में जैसे दी’वाना हो गया।*5*
*
तुम चले आओ यहां तन्हाई’ है।
दिल निठ्ठलो का ठिकाना हो गया।*6*
*
रोज़ डे तो कल मनाया आपने।
अब तो परपोज़ल पुराना हो गया।*7*
*
मार मम्मी की मगर ऐसी पड़ी।*
यूँ प्रपोज़ल का दिवाला होगया।*8*
*
रोज़ डे बीता बिना ही फूल के।
यार दिल का तो कबाड़ा हो गया।*9*
*
आग दहकी इश्क की जब सीप में।
सीप का मोती बिचारा हो गया।*10*
*
पीत पत्ता इश्क का पड़ तो चला।
प्यार का पौधा भी पीला हो गया।*11*
*
यह विलेंटाइन बना मेरे लिये।
ख्वाब सारा प्यार चूरा हो गया।*12*

*
क्या करूँ चुम्बन दिवस का अब भला।
खेल सारा ‘मधु’अधूरा हो गया। 13*

******मधु सूदन गौतम

291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये
हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये
gurudeenverma198
मेरी गुड़िया (संस्मरण)
मेरी गुड़िया (संस्मरण)
Kanchan Khanna
बहुमत
बहुमत
मनोज कर्ण
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
कवि रमेशराज
-- दिखावटी लोग --
-- दिखावटी लोग --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जो लिखा है
जो लिखा है
Dr fauzia Naseem shad
जीवन संध्या में
जीवन संध्या में
Shweta Soni
रामचरितमानस
रामचरितमानस
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
रावण
रावण
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
राजकुमारी कार्विका
राजकुमारी कार्विका
Anil chobisa
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
Ranjeet kumar patre
माँ तुम सचमुच माँ सी हो
माँ तुम सचमुच माँ सी हो
Manju Singh
नमन तुम्हें नर-श्रेष्ठ...
नमन तुम्हें नर-श्रेष्ठ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
3186.*पूर्णिका*
3186.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
Vijay kumar Pandey
घूर
घूर
Dr MusafiR BaithA
शाकाहारी जिंदगी, समझो गुण की खान (कुंडलिया)
शाकाहारी जिंदगी, समझो गुण की खान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
■ आज का दोहा
■ आज का दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
💐कुड़ी तें लग री शाइनिंग💐
💐कुड़ी तें लग री शाइनिंग💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अजब तमाशा जिन्दगी,
अजब तमाशा जिन्दगी,
sushil sarna
भ्रष्टाचार और सरकार
भ्रष्टाचार और सरकार
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
रिश्तों का गणित
रिश्तों का गणित
Madhavi Srivastava
वक्त
वक्त
Astuti Kumari
वोट का लालच
वोट का लालच
Raju Gajbhiye
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
खुशनसीब
खुशनसीब
Bodhisatva kastooriya
एक और इंकलाब
एक और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
सुप्रभात गीत
सुप्रभात गीत
Ravi Ghayal
Loading...