Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2016 · 2 min read

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
आदमी की चादर है आधी , पैर दुगुने पसार रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है।
पीएचडी वाले चलाते हैं दुकानें , चाय वाला देश चला रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
कपड़ों की फैक्ट्री का हो मालिक जो
अपनी बेटी को सबसे कम कपड़े पहना रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
पहले रुलाता था प्याज जिनको ,
आज उन्हें टीवी रुला रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
माँ बाप पढ़े चारपाई पर , बेटी को सपनों की जिद अड़ा रहा है।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
वंश चलाएगा बेटा जो ,
नशे में खुद को डूबा रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
बेटी का पढ़ना है जरूरी माना
पर कौन सा सिलेबस फर्जों से दूर भगा रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
दुपट्टा सलवार कमीज पहचान थी जिसकी
आज जीन्स और टॉप खूब फैशन चला रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
रखी हो मर्यादा कॉलेज में जिस बेटी ने कपड़ों की,
समाज उसे ही भैंजी बतला रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
तरक्की की राग धुन में
संस्कृति का गला घोटता जा रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
जो गाता था गीत देश की शान से
आज वही देश के बारे उलटे बोल गुनगुना रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
पैसा ही बन गया प्यास हर आदमी की ,
भाई भाई में फूट डलवा रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
माँ जा रही नौकरी शोंकीया
पीछे शिशु माँ माँ चिल्ला रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
आदमी ने बना लिए चेहरे अनेकों
दान को नहीं रुपया एक , संस्थाओं से फूलों के हार पहनवा रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
स्वच्छता का राग सुना दो साल से,
व्यर्थ प्रबन्धन का न रास्ता नजर आ रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
फिल्मों ने दिखा दिया पूर्ण नीचता को
बेटा बाप के सामने ही इमरान हाश्मी चला रहा है ।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
पढ़ाई करता है देश में कोई ,
पैसा विदेशों में कमा रहा है ।

वाह! मेरा देश किधर जा रहा है ।
सब्र हुआ खत्म बिलकुल
कैसे भी करके , बस झटपट हर कोई
पैसा कमा रहा है।

वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
फैशन का बुखार
नंगापन ला रहा है ।

थक गयी कलम दर्दे बयां करते करते।
लिख दिए लफ्ज बेशक आंसू भरके
कतरा कतरा मेरे दिल का यही चिल्ला रहा है ।
वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 822 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from कृष्ण मलिक अम्बाला
View all
You may also like:
फितरत ना बदल सका
फितरत ना बदल सका
goutam shaw
*तू भी जनता मैं भी जनता*
*तू भी जनता मैं भी जनता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कसम है तुम्हें भगतसिंह की
कसम है तुम्हें भगतसिंह की
Shekhar Chandra Mitra
“सबसे प्यारी मेरी कविता”
“सबसे प्यारी मेरी कविता”
DrLakshman Jha Parimal
अमर काव्य
अमर काव्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
******शिव******
******शिव******
Kavita Chouhan
*साठ के दशक में किले की सैर (संस्मरण)*
*साठ के दशक में किले की सैर (संस्मरण)*
Ravi Prakash
प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की।
Vedha Singh
गुमनाम मुहब्बत का आशिक
गुमनाम मुहब्बत का आशिक
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
Manisha Manjari
"लाल गुलाब"
Dr. Kishan tandon kranti
कैसी लगी है होड़
कैसी लगी है होड़
Sûrëkhâ Rãthí
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
"होली है आई रे"
Rahul Singh
खिलाड़ी
खिलाड़ी
महेश कुमार (हरियाणवी)
मां
मां
Sanjay ' शून्य'
रण प्रतापी
रण प्रतापी
Lokesh Singh
66
66
*Author प्रणय प्रभात*
गांधी जी के नाम पर
गांधी जी के नाम पर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
न मुमकिन है ख़ुद का घरौंदा मिटाना
न मुमकिन है ख़ुद का घरौंदा मिटाना
शिल्पी सिंह बघेल
मचले छूने को आकाश
मचले छूने को आकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
जब से मेरी आशिकी,
जब से मेरी आशिकी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शायद ये सांसे सिसक रही है
शायद ये सांसे सिसक रही है
Ram Krishan Rastogi
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
घर जला दिए किसी की बस्तियां जली
घर जला दिए किसी की बस्तियां जली
कृष्णकांत गुर्जर
Jindagi ka kya bharosa,
Jindagi ka kya bharosa,
Sakshi Tripathi
जीवन सभी का मस्त है
जीवन सभी का मस्त है
Neeraj Agarwal
2432.पूर्णिका
2432.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सर्दी का उल्लास
सर्दी का उल्लास
Harish Chandra Pande
Loading...