Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2018 · 1 min read

वर्षा/किसान

? ? ? ?

वर्षा रानी को देख कर खुश हो रहा किसान।
मन में उसके सज गये आज हजारों अरमान।
गुनगुनाता गीत गाता काधे पर हल लेकर-
चल दिया वह भींगता खेतों में रोपने धान।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
136 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
*गृहस्थ संत स्वर्गीय बृजवासी लाल भाई साहब*
*गृहस्थ संत स्वर्गीय बृजवासी लाल भाई साहब*
Ravi Prakash
तन्हाईयाँ
तन्हाईयाँ
Shyam Sundar Subramanian
2331.पूर्णिका
2331.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हां....वो बदल गया
हां....वो बदल गया
Neeraj Agarwal
💐प्रेम कौतुक-437💐
💐प्रेम कौतुक-437💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मृत्यु संबंध की
मृत्यु संबंध की
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रिश्ता
रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
"रोटी और कविता"
Dr. Kishan tandon kranti
"तब तुम क्या करती"
Lohit Tamta
जीवन का आत्मबोध
जीवन का आत्मबोध
ओंकार मिश्र
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
कोरोना और मां की ममता (व्यंग्य)
कोरोना और मां की ममता (व्यंग्य)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
शेर ग़ज़ल
शेर ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
Rj Anand Prajapati
संस्कार
संस्कार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
कहते हैं लोग
कहते हैं लोग
हिमांशु Kulshrestha
सोचो जो बेटी ना होती
सोचो जो बेटी ना होती
लक्ष्मी सिंह
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
कवि दीपक बवेजा
रावण था विद्वान् अगर तो समझो उसकी  सीख रही।
रावण था विद्वान् अगर तो समझो उसकी सीख रही।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
सावन में संदेश
सावन में संदेश
Er.Navaneet R Shandily
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
Mahendra Narayan
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
पिता मेंरे प्राण
पिता मेंरे प्राण
Arti Bhadauria
वीरगति सैनिक
वीरगति सैनिक
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आदिपुरुष फ़िल्म
आदिपुरुष फ़िल्म
Dr Archana Gupta
मिट गई गर फितरत मेरी, जीवन को तरस जाओगे।
मिट गई गर फितरत मेरी, जीवन को तरस जाओगे।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जीवन ज्योति
जीवन ज्योति
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Loading...