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8 Apr 2019 · 1 min read

ले लो फिर अवतार

ले लो तुम अवतार मैया
ले लो फिर अवतार
भक्तों की पीड़ा को मिटा दो
कर दो बेड़ा पार
ले लो तुम अवतार।

नारी के पग पग पर काँटे
वह न है कहीं सुरक्षित
दुष्ट अधम हैवान खड़े
चहुंओर करने भक्षित
आज यहाँ तेरी है जरूरत
समय रहा है पुकार
ले लो तुम अवतार।

राम राज्य न रहा बन गया
अपराधों का बसेरा
चहुँ दिशाएँ कंपित भय से
पाप ने है डाला डेरा
आज एक नहीं हरेक गली में
उपजे शुभ निशुंभ हज़ार
ले लो तुम अवतार।

रक्त पिपासा बन दुष्टों की
सिंह पीठ चढ़ कर माता
हाथ खंग खड्ग ले कर
मुण्डमाला से तन है सुहाता
टूट पड़ो कर शोणित धरा
कर दो असुरों का संहार
ले लो तुम अवतार।

सब दुख हर ले कल्याणी
चतुर्दिक छा जाएं खुशियाँ
घर घर दीप जले खुशियों के
क्या नगर और क्या गलियाँ
हर गुलशन में फूल खुशी के
कर मेरी मैया चमत्कार
ले लो तुम अवतार।

रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 228 Views
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