Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2019 · 1 min read

लिख ना पाई

बस वो बात नहीं लिखी,
जो लिखी जा सकती थी एक वृतांत की तरह,
पर ना जाने क्यों, वह लिख ना पाई,
लिख ना पाई वो अनकही शिकायतें,
जो हर बार या बार बार केवल तुम से ही थी,
लिख ना पाई वो शिकवे,
जो गहरे होते गए बढ़ते दायरे के साथ साथ,
लिख ना पाई वो ढेरों जज्बात,
जो उमड़ते-सिमटते रहे दौड़ते वक़्त के साथ,
लिख ना पाई वो अरमान,
जो कम होते होते मर कर दफन हो गए,
किसी जज्बाती मरग के साथ,
लिख ना पाई वो अहसास,
जो थे विरोध के अंगार,
जो ठन्डे होते रहे इक दमन चक्र के साथ,
बहुत आवेश था,जो उभर ना पाया वक़्त के साथ,
जो लिखना था,पर लिख ना पाई,
ना लिख पाई,वक़्त के साथ…..

Language: Hindi
3 Likes · 417 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐अज्ञात के प्रति-30💐
💐अज्ञात के प्रति-30💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भुनेश्वर सिन्हा द्वारा संकलित गिरीश भईया फैंस कल्ब के वार्षिक कैलेंडर का किया गया विमोचन
भुनेश्वर सिन्हा द्वारा संकलित गिरीश भईया फैंस कल्ब के वार्षिक कैलेंडर का किया गया विमोचन
Bramhastra sahityapedia
कीमतों ने छुआ आसमान
कीमतों ने छुआ आसमान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जीवन मंत्र वृक्षों के तंत्र होते हैं
जीवन मंत्र वृक्षों के तंत्र होते हैं
Neeraj Agarwal
"एक नज़्म लिख रहा हूँ"
Lohit Tamta
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
Dr. Man Mohan Krishna
लोकतंत्र
लोकतंत्र
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*वह भी क्या दिन थे : बारात में नखरे करने के 【हास्य-व्यंग्य 】
*वह भी क्या दिन थे : बारात में नखरे करने के 【हास्य-व्यंग्य 】
Ravi Prakash
अंदाज़े शायरी
अंदाज़े शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
Seema gupta,Alwar
ये जनाब नफरतों के शहर में,
ये जनाब नफरतों के शहर में,
ओनिका सेतिया 'अनु '
विचार
विचार
आकांक्षा राय
मन होता है मेरा,
मन होता है मेरा,
Dr Tabassum Jahan
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
Phool gufran
खुदा के वास्ते
खुदा के वास्ते
shabina. Naaz
3095.*पूर्णिका*
3095.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी हम भी
ज़िंदगी हम भी
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नई बहू
नई बहू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बिहार में दलित–पिछड़ा के बीच विरोध-अंतर्विरोध की एक पड़ताल : DR. MUSAFIR BAITHA
बिहार में दलित–पिछड़ा के बीच विरोध-अंतर्विरोध की एक पड़ताल : DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
प्यार के लिए संघर्ष
प्यार के लिए संघर्ष
Shekhar Chandra Mitra
एक पते की बात
एक पते की बात
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
(1) मैं जिन्दगी हूँ !
(1) मैं जिन्दगी हूँ !
Kishore Nigam
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
संत गाडगे सिध्दांत
संत गाडगे सिध्दांत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
■ आजकल
■ आजकल
*Author प्रणय प्रभात*
मुसाफिर हैं जहां में तो चलो इक काम करते हैं
मुसाफिर हैं जहां में तो चलो इक काम करते हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
सरस्वती बंदना
सरस्वती बंदना
Basant Bhagawan Roy
She was the Mother - an ode to Mother Teresa
She was the Mother - an ode to Mother Teresa
Dhriti Mishra
राम पर हाइकु
राम पर हाइकु
Sandeep Pande
Loading...