Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2018 · 1 min read

लघुकथा

“अनुभव बोलता है”
————————

नौकरी के लिए विदेश जा रहे रौनक की तैयारी में सारा घर लगा हुआ है। माँ का वश चले तो पूरा घर रौनक के साथ कर दें।
रौनक की अलमीरा से कपड़े निकाल कर सुभद्रा को देते हुए माँ बोलीं-” सुभद्रा ! किसी चीज़ की कमी न रह जाए। रौनक की ज़रूरत का हर सामान पैक कर देना। गर्म कपड़े रखना मत भूल जाना।”
सूटकेस को बंद करने में असमर्थ सुभद्रा थकहार कर बोली-” इस सूटकेस को बंद करना मेरे वश की बात नहीं। रौनक, तू सूटकेस पर खड़ा होकर कूद ताकि कपड़े थोड़े से दब सकें।”
सामने खड़े पिता ने दूसरा सूटकेस आगे बढ़ाते हुए कहा-” रौनक इंग्लैंड नौकरी करने जा रहा है, घर बसाने नहीं।अरे अक्ल की दुश्मन सूटकेस की कैपेसिटी तो देख। जितना वेट ले जाना एलाऊ है उतना ही रख वर्ना जितने का सामान नहीं उससे ज़्यादा की पैनल्टी ठुक जाएगी। याद रख… डिग्री लेने से अक्ल नहीं आ जाती है, ज़िंदगी में अनुभव होना बहुत ज़रूरी है।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी (उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

Language: Hindi
432 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
Dr Manju Saini
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कड़वा सच
कड़वा सच
Sanjeev Kumar mishra
फ़र्ज़ ...
फ़र्ज़ ...
Shaily
गरिमामय प्रतिफल
गरिमामय प्रतिफल
Shyam Sundar Subramanian
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बिता जहाँ बचप
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बिता जहाँ बचप
Shubham Pandey (S P)
पत्थर का सफ़ीना भी, तैरता रहेगा अगर,
पत्थर का सफ़ीना भी, तैरता रहेगा अगर,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मधुमय फागुन क्या करे,प्रियतम बिना उदास(कुंडलिया)
मधुमय फागुन क्या करे,प्रियतम बिना उदास(कुंडलिया)
Ravi Prakash
वक्त
वक्त
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
करतूतें किस को बतलाएं
करतूतें किस को बतलाएं
*Author प्रणय प्रभात*
"मैं" का मैदान बहुत विस्तृत होता है , जिसमें अहम की ऊँची चार
Seema Verma
मजबूरी तो नहीं
मजबूरी तो नहीं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
Orange 🍊 cat
Orange 🍊 cat
Otteri Selvakumar
2754. *पूर्णिका*
2754. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अदब
अदब
Dr Parveen Thakur
'मरहबा ' ghazal
'मरहबा ' ghazal
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हम लड़के हैं जनाब...
हम लड़के हैं जनाब...
पूर्वार्थ
इंसान भी तेरा है
इंसान भी तेरा है
Dr fauzia Naseem shad
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
Sukoon
जो दिल के पास रहते हैं
जो दिल के पास रहते हैं
Ranjana Verma
यह तो आदत है मेरी
यह तो आदत है मेरी
gurudeenverma198
जीवन वो कुरुक्षेत्र है,
जीवन वो कुरुक्षेत्र है,
sushil sarna
जान लो पहचान लो
जान लो पहचान लो
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
माँ वाणी की वन्दना
माँ वाणी की वन्दना
Prakash Chandra
कुप्रथाएं.......एक सच
कुप्रथाएं.......एक सच
Neeraj Agarwal
बहुमत
बहुमत
मनोज कर्ण
श्री कृष्ण अवतार
श्री कृष्ण अवतार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"वक्त के गर्त से"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
Subhash Singhai
* प्यार के शब्द *
* प्यार के शब्द *
surenderpal vaidya
Loading...