Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2017 · 1 min read

* रूह कब कहती है तूं किसी से बैर कर *

रूह कब कहती है तूं किसी से बैर कर

रूह कब कहती है तूं किसी से प्यार कर

रूह रूखी जान न दिल का अरमान है

रूह की रख ज़रा इंसानियत से काम कर ।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
नजर लगी हा चाँद को, फीकी पड़ी उजास।
नजर लगी हा चाँद को, फीकी पड़ी उजास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
फितरत में वफा हो तो
फितरत में वफा हो तो
shabina. Naaz
नव्य उत्कर्ष
नव्य उत्कर्ष
Dr. Sunita Singh
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
आज तू नहीं मेरे साथ
आज तू नहीं मेरे साथ
हिमांशु Kulshrestha
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
Arvind trivedi
*होय जो सबका मंगल*
*होय जो सबका मंगल*
Poonam Matia
माँ शारदे-लीला
माँ शारदे-लीला
Kanchan Khanna
क्या हुआ गर नहीं हुआ, पूरा कोई एक सपना
क्या हुआ गर नहीं हुआ, पूरा कोई एक सपना
gurudeenverma198
तरुवर की शाखाएंँ
तरुवर की शाखाएंँ
Buddha Prakash
2955.*पूर्णिका*
2955.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देश के राजनीतिज्ञ
देश के राजनीतिज्ञ
विजय कुमार अग्रवाल
ब्रह्मेश्वर मुखिया / MUSAFIR BAITHA
ब्रह्मेश्वर मुखिया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
■ ख़ास दिन, ख़ास दोहा
■ ख़ास दिन, ख़ास दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
शिव हैं शोभायमान
शिव हैं शोभायमान
surenderpal vaidya
चुनाव आनेवाला है
चुनाव आनेवाला है
Sanjay ' शून्य'
*गुरु जी की मक्खनबाजी (हास्य व्यंग्य)*
*गुरु जी की मक्खनबाजी (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
उलझनें
उलझनें
Shashi kala vyas
Help Each Other
Help Each Other
Dhriti Mishra
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
हरा-भरा बगीचा
हरा-भरा बगीचा
Shekhar Chandra Mitra
साहित्य सत्य और न्याय का मार्ग प्रशस्त करता है।
साहित्य सत्य और न्याय का मार्ग प्रशस्त करता है।
पंकज कुमार कर्ण
गज़ल (राखी)
गज़ल (राखी)
umesh mehra
श्रृंगार
श्रृंगार
Neelam Sharma
प्यासा पानी जानता,.
प्यासा पानी जानता,.
Vijay kumar Pandey
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
हर अदा उनकी सच्ची हुनर था बहुत।
हर अदा उनकी सच्ची हुनर था बहुत।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
जिसका हम
जिसका हम
Dr fauzia Naseem shad
झरना
झरना
Satish Srijan
मैथिली हाइकु / Maithili Haiku
मैथिली हाइकु / Maithili Haiku
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
Loading...