Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2017 · 1 min read

राखी गीत

राखी के पावन पर्व पर देश के समस्त भाई बहनों को सादर समर्पित
??????
सावन के माह में जब ये पुर्णिमा है आई
गद गद हुआ है भाई बहना भी मुस्कुराई
सावन—–

1-
भाई की अपने बहना फिर आरती उतारे
खुशियां हजारों अपनी बीरन पे अपने वारे
हल्दी के साथ रोली माथे पे है लगाई
सावन—-

2–
जुग जुग जियो हे भाई मेरी लाज़ तुम बचाना
कह करके फ़र्ज़ तुमको राखी की है निभाना
रेशम की डोर से फिर है बाँधी ये कलाई
सावन—

3-

हम माँगते नहीं कुछ बस चाहती हूँ इतना
बन कर रहूँ हमेशा तेरी लाडली मैं बहना
बेटी भी हूँ तुम्हारी करना तू रहनुमाई
सावन —-

4-

अनमोल है मुहब्बत भाई-बहन की “प्रीतम”
राखी तो इक दुआ है भाई का राखी परचम
रक्खेंगे मान बहना हमने क़सम उठाई

प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)
07/08/2017

Language: Hindi
Tag: गीत
292 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"तोता"
Dr. Kishan tandon kranti
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आर.एस. 'प्रीतम'
गुरु अंगद देव
गुरु अंगद देव
कवि रमेशराज
सर्द ऋतु का हो रहा है आगमन।
सर्द ऋतु का हो रहा है आगमन।
surenderpal vaidya
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
shabina. Naaz
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
Gouri tiwari
औरत
औरत
नूरफातिमा खातून नूरी
2367.पूर्णिका
2367.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रोटी से फूले नहीं, मानव हो या मूस
रोटी से फूले नहीं, मानव हो या मूस
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*कहां किसी को मुकम्मल जहां मिलता है*
*कहां किसी को मुकम्मल जहां मिलता है*
Harminder Kaur
बोलने से सब होता है
बोलने से सब होता है
Satish Srijan
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
Paras Nath Jha
बेचारे नेता
बेचारे नेता
दुष्यन्त 'बाबा'
धड़कनो की रफ़्तार यूँ तेज न होती, अगर तेरी आँखों में इतनी दी
धड़कनो की रफ़्तार यूँ तेज न होती, अगर तेरी आँखों में इतनी दी
Vivek Pandey
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
कवि दीपक बवेजा
बीती सदियाँ राम हैं , भारत के उपमान(कुंडलिया)
बीती सदियाँ राम हैं , भारत के उपमान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
मोरनी जैसी चाल
मोरनी जैसी चाल
Dr. Vaishali Verma
खुद की नज़रों में भी
खुद की नज़रों में भी
Dr fauzia Naseem shad
मरना कोई नहीं चाहता पर मर जाना पड़ता है
मरना कोई नहीं चाहता पर मर जाना पड़ता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Dont judge by
Dont judge by
Vandana maurya
एक प्रभावी वक्ता को
एक प्रभावी वक्ता को
*Author प्रणय प्रभात*
बरसात
बरसात
लक्ष्मी सिंह
कुंडलिया ....
कुंडलिया ....
sushil sarna
தனிமை
தனிமை
Shyam Sundar Subramanian
जाग री सखि
जाग री सखि
Arti Bhadauria
हमें जीना सिखा रहे थे।
हमें जीना सिखा रहे थे।
Buddha Prakash
चंद घड़ी उसके साथ गुजारी है
चंद घड़ी उसके साथ गुजारी है
Anand.sharma
छेड़ कोई तान कोई सुर सजाले
छेड़ कोई तान कोई सुर सजाले
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अपराधियों ने जमा ली सियासत में पैठ
अपराधियों ने जमा ली सियासत में पैठ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कहने से हो जाता विकास, हाल यह अब नहीं होता
कहने से हो जाता विकास, हाल यह अब नहीं होता
gurudeenverma198
Loading...