यूँ न करो
?♂ यू न करो?
बेवजह गम को तुम दिल से लगाया न करो…
जिंदगी में हर पल तुम मुस्कुराया करो…
तन्हाइयों की काली घटा भी छट जायेगी…
अपने अनमोल अश्क तुम बहाया न करो…
मन की बातों को मन में दफनाना ठीक नही…
कभी दोस्तो को दिल का फ़साना सुना भी
दिया करो…
खोये खोये से रहते हो जिनके खयालो में तुम…
कभी तो उनको हक़ीक़त में भी बुलाया भी करो…
अनमोल रचना विधाता की तुम हो ये भी सुनो…
इस बात की सच्चाई को सही कर दिखाया करो…
तेरी मेरी सिर्फ नही ये बात इंसानियत की है…
कभी सुनकर फिर कदम तुम बढ़ाया करो…
रिश्तेदारी जग में सबकी होती है दोस्तो…
उनके ऊपर बदनामी का किचड़ तुम उड़ाया न करो…
ये सपना न टूटे आंखों का भूल से भी कभी…
ये कसम सोनु तुम भी अपनी निभाया करो…
? सोनु जैन मंदसौर✍