Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2016 · 1 min read

मोहब्बत के सफर…

मोहब्बत के सफर में हमसफर , यूं छूट जाते है |
हमारे साथ जो रहते हैं, हमसे रूठ जाते हैं |
बनाये थे कभी जो साथ , उनके प्रीत के रिश्ते ;
निभाऊं लाख मैं लेकिन, ये रिश्ते टूट जाते हैं |

विशेष :) यह मेरा प्रथम शुद्ध मुक्तक था जिसे संपूर्ण शर्तों को पूरा करते हुये लिखा | रचना दिनांक १०/०७/२०१६ बदायूं में|

Language: Hindi
1 Comment · 398 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
Buddha Prakash
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
3208.*पूर्णिका*
3208.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रंजिशें
रंजिशें
AJAY AMITABH SUMAN
■ प्रभात वन्दन
■ प्रभात वन्दन
*Author प्रणय प्रभात*
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
sushil sarna
ख़ामोश सा शहर
ख़ामोश सा शहर
हिमांशु Kulshrestha
बरसात के दिन
बरसात के दिन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बाहर-भीतर
बाहर-भीतर
Dhirendra Singh
"प्यार में तेरे "
Pushpraj Anant
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
Neeraj Agarwal
एकांत मन
एकांत मन
TARAN VERMA
शिक्षा व्यवस्था
शिक्षा व्यवस्था
Anjana banda
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर  में  व्यापार में ।
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर में व्यापार में ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
DrLakshman Jha Parimal
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
Harminder Kaur
बेचारे नेता
बेचारे नेता
दुष्यन्त 'बाबा'
"चाहत का घर"
Dr. Kishan tandon kranti
फागुन की अंगड़ाई
फागुन की अंगड़ाई
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जो  रहते हैं  पर्दा डाले
जो रहते हैं पर्दा डाले
Dr Archana Gupta
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
Dhriti Mishra
*हार में भी होंठ पर, मुस्कान रहना चाहिए 【मुक्तक】*
*हार में भी होंठ पर, मुस्कान रहना चाहिए 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Keep yourself secret
Keep yourself secret
Sakshi Tripathi
सारा सिस्टम गलत है
सारा सिस्टम गलत है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लोग जीते जी भी तो
लोग जीते जी भी तो
Dr fauzia Naseem shad
एक दूसरे से बतियाएं
एक दूसरे से बतियाएं
surenderpal vaidya
सारी हदों को तोड़कर कबूला था हमने तुमको।
सारी हदों को तोड़कर कबूला था हमने तुमको।
Taj Mohammad
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
Loading...