मोबाइल की महिमा
सबकी महिमा बहुत हुई जी
अब मोबाइल की महिमा करते हैं
सुबह -सवेरे उठते ही
मोबाइल का दर्शन करते हैं
है प्रेम इतना मोबाइल से
हर पल उसको निहारते हैं
गुगल ,युट्यूब पर जाकर
कई दिक्कतों को खंगालते है
सेकेंडों में अपनों को पास
गैरों को दूर कर देता है
जिसके जैसे कारनामे हो
तुरंत मशहूर कर देता है
घड़ी, मनोरंजन, संदेश वाहक
टार्च, टीकटघर, समाचार है
है आश्चर्य की बात कितना
ज़रा सी मोबाइल में संसार है
इस महामारी के दौर में
इसने बड़ा काम किया
घर ही बैठे -बिठाए इसने
बहुत से काम को अंजाम दिया।
नूरफातिमा खातून” नूरी”
कुशीनगर