Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2017 · 1 min read

*** मोके रो फायदों ***

मोके रो फायदों
कुण नी उठावे
कईं लुगाई अर कईं आदमी
मोको मिलणों चाये फेर देखो
इसडो फायदों उठावे कि
निगे नी आवे
आदमी तो आदमी
लगाईंयाँ उण री माँ
आदमी ने पछाड़
लुगाईयाँ आगे भाज ली
आज सै
मोके रो फायदों उठाणों जाणे
ताक में रवै
मोके रो फायदों उठाणे री ख़ातिर
मिनख तो मिनख
देवता भी ना चूके
मोके रो फायदो उठाणे में
भैरुं बाबो भी चुक्या कोनी
जद देखी आदमी करतूत तो
बै भी हंस पड्यां
अर बोल्या
आज रो आदमी
मोके रो फायदों उठाणों नी भूले
भोळो मिनख
अर स्याणी लुगाई
सै मोको पड्यां
फायदों उठाणों नी भूले
आज कुण कोनी उठावे
मोके रो फायदों
कईं आदमी अर कईं लुगाई
मोके रो फायदों
ओ मोके रो फायदों
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
तलाश है।
तलाश है।
नेताम आर सी
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
हमने तो सोचा था कि
हमने तो सोचा था कि
gurudeenverma198
मुश्किल है कितना
मुश्किल है कितना
Swami Ganganiya
होली का रंग
होली का रंग
मनोज कर्ण
आत्महत्या
आत्महत्या
Harminder Kaur
वे वजह हम ने तमीज सीखी .
वे वजह हम ने तमीज सीखी .
Sandeep Mishra
जुदाई का एहसास
जुदाई का एहसास
प्रदीप कुमार गुप्ता
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
Rashmi Ranjan
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में,
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में,
Arvind trivedi
माणुष
माणुष
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
वो मूर्ति
वो मूर्ति
Kanchan Khanna
ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी,
Santosh Shrivastava
■ लघु व्यंग्य कविता
■ लघु व्यंग्य कविता
*Author प्रणय प्रभात*
प्यार का पंचनामा
प्यार का पंचनामा
Dr Parveen Thakur
मैं सत्य सनातन का साक्षी
मैं सत्य सनातन का साक्षी
Mohan Pandey
परेशां सोच से
परेशां सोच से
Dr fauzia Naseem shad
तुझे नेकियों के मुँह से
तुझे नेकियों के मुँह से
Shweta Soni
23/180.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/180.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फिर एक बार 💓
फिर एक बार 💓
Pallavi Rani
दिहाड़ी मजदूर
दिहाड़ी मजदूर
Satish Srijan
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
साथ
साथ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सच समझने में चूका तंत्र सारा
सच समझने में चूका तंत्र सारा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नेता जी शोध लेख
नेता जी शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
किसी दिन
किसी दिन
shabina. Naaz
शब्दों से बनती है शायरी
शब्दों से बनती है शायरी
Pankaj Sen
फितरत
फितरत
Surya Barman
Loading...