Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2016 · 1 min read

मैं भी एक इंसान हूँ

न मैं दुर्गा , न मैं लक्ष्मी
न देवी और महान हूँ ,
नारी रूप में धरती पर
मैं भी एक इंसान हूँ ।
न अनोखी शक्ति मुझमें
न देवीत्व कोई समाया है ,
एक आम जन सा ही ईश्वर ने
मुझको भी इंसान बनाया है ।
मैं नहीं चाहती पूजी जाऊँ
क्यों देवी बनकर भोग लगाऊँ ?
बस चाहती हूँ इंसान रूप में
सभी सम्मान पुरुष सम पाऊँ।
सभी देशों में सभी धर्मों में
मानव समाज के सभी वर्गों में
कमजोर कभी न समझी जाऊँ ,
चाहत मेरी बस एक यही है
गर्भ से लेकर पूरे जीवन भर
इंसान के सारे हक मैं पाऊँ ।
न कोख में मरने का डर हो
न साँझ ढले चलने में भय हो ,
न माँ को चिंता कोई सताये
न सड़कों से कुनजर कोई आए
ऐसा सुखद समय बस आए
सब पौरुष मन पावन हो जाएँ।

डॉ रीता

Language: Hindi
671 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all
You may also like:
श्री राम मंदिर
श्री राम मंदिर
Mukesh Kumar Sonkar
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई  लिखता है
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
Shweta Soni
*मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया【हिंदी गजल/गीतिका 】*
*मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया【हिंदी गजल/गीतिका 】*
Ravi Prakash
जीवन का किसी रूप में
जीवन का किसी रूप में
Dr fauzia Naseem shad
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
A Departed Soul Can Never Come Again
A Departed Soul Can Never Come Again
Manisha Manjari
मेरी औकात
मेरी औकात
साहित्य गौरव
” सबको गीत सुनाना है “
” सबको गीत सुनाना है “
DrLakshman Jha Parimal
18- ऐ भारत में रहने वालों
18- ऐ भारत में रहने वालों
Ajay Kumar Vimal
*नया साल*
*नया साल*
Dushyant Kumar
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
AJAY AMITABH SUMAN
मुहब्बत का घुट
मुहब्बत का घुट
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
Arghyadeep Chakraborty
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बसंत का आगम क्या कहिए...
बसंत का आगम क्या कहिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आ गया मौसम सुहाना
आ गया मौसम सुहाना
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
शिव आदि पुरुष सृष्टि के,
शिव आदि पुरुष सृष्टि के,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गं गणपत्ये! माँ कमले!
गं गणपत्ये! माँ कमले!
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
बहकी बहकी बातें करना
बहकी बहकी बातें करना
Surinder blackpen
" शिक्षक "
Pushpraj Anant
* साथ जब बढ़ना हमें है *
* साथ जब बढ़ना हमें है *
surenderpal vaidya
यति यतनलाल
यति यतनलाल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-437💐
💐प्रेम कौतुक-437💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2761. *पूर्णिका*
2761. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!! रे, मन !!
!! रे, मन !!
Chunnu Lal Gupta
अर्ज किया है
अर्ज किया है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
यदि कोई आपके मैसेज को सीन करके उसका प्रत्युत्तर न दे तो आपको
यदि कोई आपके मैसेज को सीन करके उसका प्रत्युत्तर न दे तो आपको
Rj Anand Prajapati
Loading...