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15 Aug 2018 · 1 min read

” मैं नारी हूँ “

मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ, कहने को नारायणी
पर नर हेतु वस्तु समान
कन्या पूजन करते सब मेरा
देते नहीं कोख में स्थान

बहु रूप में लक्ष्मी हूँ मैं
बेटी रूप में बोझ समान
वंश बढ़ाने का साधन हूँ
और नहीं कुछ मेरी पहचान

मूरत रूप में पूजन करते हैं
यथार्थ में नित करते अपमान
हर युग में दी अग्निपरीक्षा
फिर भी ना पाया सम्मान

उमड उमड कर सहम गई मैं
न पाया मैंने विश्वास
भरी सभा में लज्जित कर के
खूब किया मेरा उपहास

सदियों पहले बीता कल हो
या फिर आज का आभास
हर बार काँच सा टूट गया
मेरा निश्छल होता विश्वास

दिन बदले हैं,युग बदले हैं
पर न बदली मेरी पहचान
मैं नारी हूँ, कहने को नारायणी
पर नर हेतु वस्तु समान

पूजू की कलम से
पूजा खरे
Poojakhare10001@gmail.com

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 867 Views
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