Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2019 · 1 min read

मैं और तेरी सोच।

जूते फटे पहनकर ऊपर कभी चढ़े थे,
जरूरते हमारी हरदम इच्छाओं से परे थे।

काम लेने से पहले हमने दाम न पूछ पाया,
सोच हमारी हर दम तुम्हारी औकात से बड़े थे।

आंख पहले नम हुई फिर गिर पड़ेगी ये आंसू,
जब मां-बाप को हमने देखा इंतजार में खड़े थे।

ऊंची इमारतों में फैली रही रोशनी सारी रात,
गली में बैठे बच्चे अंधकार में पढ़े थे।

मुश्किल वक्त में भी ना किया हमने ईमान का सौदा,
कुछ लोग तभी मेरी खुद्दारी से जले थे।

दिल खोलकर तुम हंस लो जब भी मिले मौका,
हम तब भी नहीं थे रोएं जब मुश्किलों से घिरे थे।

उन्होंने हमको पाला हर मुसीबत से निकाला,
मां-बाप हमारे हरदम भगवान से बड़े थे।

2 Likes · 238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमनें मांगी कहां दुआ कोई
हमनें मांगी कहां दुआ कोई
Dr fauzia Naseem shad
चॉकलेट
चॉकलेट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
नवयौवना
नवयौवना
लक्ष्मी सिंह
दिये को रोशन बनाने में रात लग गई
दिये को रोशन बनाने में रात लग गई
कवि दीपक बवेजा
ऐसा कभी नही होगा
ऐसा कभी नही होगा
gurudeenverma198
जंगल ये जंगल
जंगल ये जंगल
Dr. Mulla Adam Ali
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
■ अप्रासंगिक विचार
■ अप्रासंगिक विचार
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
तुम्हारी निगाहें
तुम्हारी निगाहें
Er. Sanjay Shrivastava
बेटियाँ
बेटियाँ
विजय कुमार अग्रवाल
जन्म दिवस
जन्म दिवस
Jatashankar Prajapati
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
Arvind trivedi
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
surenderpal vaidya
यूँही कुछ मसीहा लोग बेवजह उलझ जाते है
यूँही कुछ मसीहा लोग बेवजह उलझ जाते है
'अशांत' शेखर
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
🎊🏮*दीपमालिका  🏮🎊
🎊🏮*दीपमालिका 🏮🎊
Shashi kala vyas
कुछ करो ऐसा के अब प्यार सम्भाला जाये
कुछ करो ऐसा के अब प्यार सम्भाला जाये
shabina. Naaz
वक्त से गुज़ारिश
वक्त से गुज़ारिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
एक तरफा दोस्ती की कीमत
एक तरफा दोस्ती की कीमत
SHAMA PARVEEN
3012.*पूर्णिका*
3012.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुनो...
सुनो...
हिमांशु Kulshrestha
नज़र नज़र का फर्क है साहेब...!!
नज़र नज़र का फर्क है साहेब...!!
Vishal babu (vishu)
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
जय लगन कुमार हैप्पी
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
Dushyant Kumar Patel
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
Manisha Manjari
सावन आया झूम के .....!!!
सावन आया झूम के .....!!!
Kanchan Khanna
सुनो द्रोणाचार्य / MUSAFIR BAITHA
सुनो द्रोणाचार्य / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
ह्रदय के आंगन में
ह्रदय के आंगन में
Dr.Pratibha Prakash
Loading...