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20 Aug 2020 · 1 min read

मेरे बच्चे बन गए हैं मेरी चट्टान।

मेरे बच्चे बन गए हैं मेरी चट्टान,
मेरे सपनों को दे रहे नई उड़ान।

कभी मैं गिरती कभी बिखरती,
निराशा के फिर भँवर में फंसती,
थक हारकर मायूस सी दिखती,
बच्चे कहते,”माँ तुम न हो परेशान”।

मेरे बच्चे बन गए हैं मेरी चट्टान,
मेरे सपनों को दे रहे नई उड़ान।

नई उम्मीद जगी है जो मन में,
लक्ष्य बना लो उसे जीवन ने,
फूल खिलेंगे फिर से चमन में,
‘माँ’ मुश्किल हो जाएगी आसान।

मेरे बच्चे बन गए हैं मेरी चट्टान,
मेरे सपनों को दे रहे नई उड़ान।

कदम से कदम मिलाए खड़े हुए हैं,
मुझे सफल बनाने में वो अड़े हुए हैं,
प्यारे से बच्चे मेरे अब बड़े हुए हैं,
उन्नति उत्कर्ष दोनों मेरा अभिमान।

मेरे बच्चे बन गए हैं मेरी चट्टान,
मेरे सपनों को दे रहे नई उड़ान।
By:Dr Swati Gupta

Language: Hindi
3 Likes · 227 Views
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