Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2017 · 1 min read

मेरी बिटिया

तू प्रातः की सुन्दर किरण।

‌तू बगिया की चंचल बयार।

तू चिड़िया की मधुर गूंज।

‌तू संगीत की मीठी सरगम।

तू वर्षा की शीतल बूंद।

‌तू चंदा का शांत प्रकाश।

तू झरनों का मधुर स्वर।

‌तू फूलों की भीनी गंध।

तू माटी की मधुर महक।

‌तू गंगा का पावन जल।

तू मंदिर की मधुरिम घंटी।

‌तू ईश्वर की सच्ची प्रार्थना।

तुझ में वो सब जिसकी मुझे ललक।

‌ चाहूं तुझे निहारूं अपलक।

तुझको मांगा है ईश्वर से।

‌उसने झोली भर दी मेरी।

चमका घर का कोना कोना।

‌जब से कदम पड़े हैं तेरे।

बूझ सको तो बूझो कोई।

‌कौन है यह प्यारी सी हस्ती?

यह तो प्यारी बिटिया मेरी।

‌यह तो प्यारी बुलबुल मेरी।

—-रंजना माथुर दिनांक 28/04/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
copyright

Language: Hindi
292 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गाय
गाय
Vedha Singh
ए जिंदगी….
ए जिंदगी….
Dr Manju Saini
मेरी समझ में आज तक
मेरी समझ में आज तक
*Author प्रणय प्रभात*
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
वो मेरी कौन थी ?
वो मेरी कौन थी ?
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
श्याम-राधा घनाक्षरी
श्याम-राधा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
🙏
🙏
Neelam Sharma
*इश्क़ से इश्क़*
*इश्क़ से इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
💐प्रेम कौतुक-337💐
💐प्रेम कौतुक-337💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
और भी शौक है लेकिन, इश्क तुम नहीं करो
और भी शौक है लेकिन, इश्क तुम नहीं करो
gurudeenverma198
साहस का सच
साहस का सच
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अन्नदाता किसान
अन्नदाता किसान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आया बसंत
आया बसंत
Seema gupta,Alwar
23/153.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/153.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उन्हें नहीं मालूम
उन्हें नहीं मालूम
Brijpal Singh
*देश का हिंदी दिवस, सबसे बड़ा त्यौहार है (गीत)*
*देश का हिंदी दिवस, सबसे बड़ा त्यौहार है (गीत)*
Ravi Prakash
प्राण- प्रतिष्ठा
प्राण- प्रतिष्ठा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
गुजरा वक्त।
गुजरा वक्त।
Taj Mohammad
रावण
रावण
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
वृक्षों के उपकार....
वृक्षों के उपकार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
کوئی تنقید کر نہیں پاتے ۔
کوئی تنقید کر نہیں پاتے ۔
Dr fauzia Naseem shad
थोड़ा सा मुस्करा दो
थोड़ा सा मुस्करा दो
Satish Srijan
आज के युग में नारीवाद
आज के युग में नारीवाद
Surinder blackpen
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
मजे की बात है
मजे की बात है
Rohit yadav
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
डाल-डाल पर फल निकलेगा
डाल-डाल पर फल निकलेगा
Anil Mishra Prahari
नजरे मिली धड़कता दिल
नजरे मिली धड़कता दिल
Khaimsingh Saini
Loading...