Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2017 · 2 min read

~~~मेरी कविता–दुनिया में कोई रिश्ता सच्चा नहीं~~~

आज बहुत कुछ लिखने का मन हो गया
कि क्या ममैं सच लिखने जा रहा हूँ, या
कहीं ऐसा तो नहीं कि, मेरा जमीर मर
गया है, इन झूठे रिश्तों के लिए,
आज मेरा भी मन भर गया है…..

बेशक भगवान् की रचाई लीला में
सब रिश्ते महान हैं, माँ बाप
एक बच्चे के लिए शायद सब की
नज़रों में भगवान्बि हैं , ना किसी लालच
के और न किसी लोभ में गुलजार हैं…

पर यह रिश्ता बेशक ममता का हो
बाप के द्वारा कुछ कठोर सा हो
पर सब के बीच एक ममता है,
धन दौलत का एक रिश्ता है
इस से ज्यादा बढ़कर कुछ नहीं है ..

पढाते हैं लिखाते हैं,सब कुछ करते हैं
बेशक ऊँचा संतान को बनाते हैं,
पर सब के लिए वो मोह ममता है
घर चलाये और सारे रिश्ते निभाए
पर मेरी नजर में लोभ का रिश्ता है..

शादी करते बहू लाते, बेटी देते दामाद लाते
बहु से नाता उस के दहेज़ से है
और बेटी के लिए वर खूब धन वाला चाहिये
यह हर माँ बाप देखते दुनिया में बेटी के लिए
यह लोभ नहीं तो क्या ममता है ??

जब तक थे माँ बाप तो वो अपना हुकुम
औलाद पर हर वक्त चलाते रहे
जब आ गयी पत्नी तो उस के द्वारा
सारा घर द्वार उसके हुकुम से चले
लड़के के लिए सच यही मरना है…..

अब तक जो देखा लड़के का पल पल मरना है
बहु से कुछ कहे तो माँ परेशां कर देती है
माँ से कुछ कहे तो बीवी तेवर दिखाती है
पीस जाता है वो दोनों पाट में
सब का अपना यहाँ लोभ का नाता है ….

सारे रिश्ते झूठे हैं दुनिया में आजमा के देख लो
अगर गर्म है जेब आपकी तो तब जाकर देख लो
और एक बार खाली जेब के साथ भी निभा के देख लो
खुद पता चल जाएगा कि रिश्ते कितने गूढ़ हैं,
भरते रहो मुंह सबका ये दुनिया की रीत है…

प्यारा है, सच्चा है, अगर रिश्ता तो
वो आपकी आत्मा का उस का कोई मोल नहीं
बिना काम, क्रोध, मद, मोह , अःहंकार के
ले चलती वो उस ओर है, जहाँ नहीं जा पाया
लेकर सारी लोभ लालच की यह डोर है…

जय सिया राम, जय श्री कृष्णा
जय मेरे शिव शम्भू, सच्चे पातशाह

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
837 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
"कवि के हृदय में"
Dr. Kishan tandon kranti
तिरंगा बोल रहा आसमान
तिरंगा बोल रहा आसमान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गाय
गाय
Vedha Singh
सच सच कहना
सच सच कहना
Surinder blackpen
#उपमा
#उपमा
*Author प्रणय प्रभात*
दुनियां और जंग
दुनियां और जंग
सत्य कुमार प्रेमी
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
Ashwini Jha
खो कर खुद को,
खो कर खुद को,
Pramila sultan
विश्वेश्वर महादेव
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मैं रचनाकार नहीं हूं
मैं रचनाकार नहीं हूं
Manjhii Masti
3113.*पूर्णिका*
3113.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये मेरा हिंदुस्तान
ये मेरा हिंदुस्तान
Mamta Rani
💐अज्ञात के प्रति-63💐
💐अज्ञात के प्रति-63💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
DrLakshman Jha Parimal
होली
होली
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
नन्हीं बाल-कविताएँ
नन्हीं बाल-कविताएँ
Kanchan Khanna
रहते हैं बूढ़े जहाँ ,घर के शिखर-समान(कुंडलिया)
रहते हैं बूढ़े जहाँ ,घर के शिखर-समान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
सेंसेक्स छुए नव शिखर,
सेंसेक्स छुए नव शिखर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जीवन में सुख-चैन के,
जीवन में सुख-चैन के,
sushil sarna
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
साजिशें ही साजिशें...
साजिशें ही साजिशें...
डॉ.सीमा अग्रवाल
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
ओनिका सेतिया 'अनु '
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
कवि रमेशराज
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मित्रता दिवस पर विशेष
मित्रता दिवस पर विशेष
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
पीड़ादायक होता है
पीड़ादायक होता है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...