Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2017 · 1 min read

मेरी कलम से …..

१.उसका दिल, दिल नहीं, रेत का मैदान निकला।
कई बार लिखा नाम अपना,हर बार मिटा देती हैं॥

२.मुझें तैरना नहीं आता और उसे डूबना…।
मोहब्बत में इरादो का, मगर मिलना जरुरी है॥

३.बहुत गुमान था उसे अपने पत्थर दिल होने का।
मैं उसी पत्थर पर अपना नाम लिख आया हूँ॥

४.तुझें जहाँ जाना है, चली जा… तेरी मर्जी।
मगर लौट कर, जिन्दगी में तुझें जगह दूँगा, मुझसे उम्मीद मत करना॥

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 815 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐अज्ञात के प्रति-64💐
💐अज्ञात के प्रति-64💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
परिस्थितीजन्य विचार
परिस्थितीजन्य विचार
Shyam Sundar Subramanian
मना लिया नव बर्ष, काम पर लग जाओ
मना लिया नव बर्ष, काम पर लग जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
खुशियाँ
खुशियाँ
Dr Shelly Jaggi
*पाते किस्मत के धनी, जाड़ों वाली धूप (कुंडलिया)*
*पाते किस्मत के धनी, जाड़ों वाली धूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चिराग को जला रोशनी में, हँसते हैं लोग यहाँ पर।
चिराग को जला रोशनी में, हँसते हैं लोग यहाँ पर।
आर.एस. 'प्रीतम'
A Donkey and A Lady
A Donkey and A Lady
AJAY AMITABH SUMAN
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ख्वाहिशों की ज़िंदगी है।
ख्वाहिशों की ज़िंदगी है।
Taj Mohammad
आपसा हम जो दिल
आपसा हम जो दिल
Dr fauzia Naseem shad
नदी
नदी
Kumar Kalhans
रास्तो के पार जाना है
रास्तो के पार जाना है
Vaishaligoel
मन मन्मथ
मन मन्मथ
अशोक शर्मा 'कटेठिया'
"लू"
Dr. Kishan tandon kranti
चोट
चोट
आकांक्षा राय
कविता
कविता
Shiva Awasthi
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"वो ख़तावार है जो ज़ख़्म दिखा दे अपने।
*Author प्रणय प्रभात*
#हँसी
#हँसी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"लोगों की सोच"
Yogendra Chaturwedi
पितृपक्ष
पितृपक्ष
Neeraj Agarwal
2432.पूर्णिका
2432.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हम थक हार कर बैठते नहीं ज़माने में।
हम थक हार कर बैठते नहीं ज़माने में।
Phool gufran
आप जिंदगी का वो पल हो,
आप जिंदगी का वो पल हो,
Kanchan Alok Malu
शाबाश चंद्रयान-३
शाबाश चंद्रयान-३
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मेरे अंशुल तुझ बिन.....
मेरे अंशुल तुझ बिन.....
Santosh Soni
The jaurney of our life begins inside the depth of our mothe
The jaurney of our life begins inside the depth of our mothe
Sakshi Tripathi
हूं बहारों का मौसम
हूं बहारों का मौसम
साहित्य गौरव
उड़ान ~ एक सरप्राइज
उड़ान ~ एक सरप्राइज
Kanchan Khanna
Loading...