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5 Jul 2017 · 1 min read

मेरा गम ना समझ सके

लाख सहे दीवाने ने मगर, वो सितम ना समझ सके

हर जख्म का इलाज थे जो, वो मरहम ना समझ सके

मेरी मजबूरियों को बेवफाई तो जल्द ही मान बैठे

हमदर्द कहते थे खुदको मेरा, वो मेरा गम ना समझ सके

Language: Hindi
1 Like · 344 Views
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