मुलाकात
*******मुलाकात*********
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आज फिर उनसे मुलाकात हुई
कुछ तकरार तो कुछ बात हुईं
बहुत दिन बाद जब वो मिले
उलाहनों से शुरुआत बात हुई
नजर से नजर मिल नहीं सकी
मिली तो आँखों से बरसात हुई
सपने संग देखे नहीं हुए अपने
सपनों के बारे में भी बात हुई
दिल दीवाना, कोई ईलाज नहीं
दीवानगी में खास ना बात हुई
दिन में ही देखा करते थे सपने
स्वप्न से भी नहीं मुलाकात हुई
पूछी बातों पर वो मौन ही रहे
मौन रहना भी क्या बात हुईं
पल बीत जाएं,खाली हाथ रहे
हाथ खाली रहे, यही बात हुई
काली रातों में करवटें लेते रहे
नींद ना आए,फिर क्यों रात हुई
सुखविन्द्र खोया ताउम्र के लिए
खोना था तो क्यों मुलाकात हुई
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)