Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2018 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

गुलामी गैर की करना मुहब्बत हो नहीं सकती।
ख़ुशामद यार की करना ख़िलाफ़त हो नहीं सकती।
भरम में डाल दूजे को सज़ा ख़ुद को ही दे दोगे-
किया महफ़िल में जब सजदा इबादत हो नहीं सकती।

दिखाकर हुस्न नूरानी हमें क़ातिल बनाती हो।
पिलाकर जाम अधरों से हमें शामिल बताती हो।
हुए निर्दोष परवाने फ़ना ज़ालिम अदाओं पर-
लुटाकर प्यार के जलवे हमें काबिल जताती हो।

अब नहीं तुझसे शिकायत तू रुलाने के लिए आ।
प्यार की अर्थी सजी उसको उठाने के लिए आ।
पूछ लेना फिर पता तन्हाइयों से ख़्वाहिशों का-
मौत महबूबा बनी रस्में निभाने के लिए आ।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी(उ.प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

Language: Hindi
1 Like · 450 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
श्वान संवाद
श्वान संवाद
Shyam Sundar Subramanian
19, स्वतंत्रता दिवस
19, स्वतंत्रता दिवस
Dr Shweta sood
भारत की है शान तिरंगा
भारत की है शान तिरंगा
surenderpal vaidya
समझदारी ने दिया धोखा*
समझदारी ने दिया धोखा*
Rajni kapoor
"अश्क भरे नयना"
Ekta chitrangini
💐प्रेम कौतुक-254💐
💐प्रेम कौतुक-254💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"बात अपनो से कर लिया कीजे।
*Author प्रणय प्रभात*
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चाय और गपशप
चाय और गपशप
Seema gupta,Alwar
ख़्वाब सजाना नहीं है।
ख़्वाब सजाना नहीं है।
Anil "Aadarsh"
नामुमकिन
नामुमकिन
Srishty Bansal
भूल गई
भूल गई
Pratibha Pandey
कैद अधरों मुस्कान है
कैद अधरों मुस्कान है
Dr. Sunita Singh
*भगवान भोलेनाथ को, मन से चढ़ाया बेर है (मुक्तक)*
*भगवान भोलेनाथ को, मन से चढ़ाया बेर है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
3225.*पूर्णिका*
3225.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
कवि दीपक बवेजा
1. चाय
1. चाय
Rajeev Dutta
ख़ुदी के लिए
ख़ुदी के लिए
Dr fauzia Naseem shad
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
खुशियों की डिलीवरी
खुशियों की डिलीवरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गुमशुदा लोग
गुमशुदा लोग
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
पूर्वार्थ
फितरत
फितरत
Surya Barman
ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी,
Santosh Shrivastava
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
समय की गांठें
समय की गांठें
Shekhar Chandra Mitra
दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
VINOD CHAUHAN
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
किसी के साथ की गयी नेकी कभी रायगां नहीं जाती
किसी के साथ की गयी नेकी कभी रायगां नहीं जाती
shabina. Naaz
डूबा हर अहसास है, ज्यों अपनों की मौत
डूबा हर अहसास है, ज्यों अपनों की मौत
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...