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26 Feb 2018 · 1 min read

“मुक्तक”

शून्य में ताकना कभी-कभी अच्छा लगता है ।
अतीत में छांकना कभी-कभी अच्छा लगता है ।
सूख चुके मन के घाव को कुरेद कर सहलाना-
आंसुओं से धोना कभी-कभी अच्छा लगता है।
–पूनम झा
कोटा राजस्थान

मोब. 9414875654

Language: Hindi
1 Like · 314 Views
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