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24 Jul 2016 · 1 min read

मुक्तक

गमों के खेत में जो हौंसलों कि डाली है
इसी ने उस खुदा की बन्दगी बचा ली है
गुलों को देखकर जो हसरतें जवाँ थीं “मन”
खिजाँ के दौर ने वो हसरतें उठा ली है

Language: Hindi
1 Comment · 279 Views
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