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8 Dec 2017 · 1 min read

मुक्तक

मेरे गम को मेरा ठिकाना मिल जाता है!
तेरे ख्यालों का आशियाना मिल जाता है!
जब दिल को सताती है प्यास तमन्नाओं की,
मेरी तिश्नगी को मयखाना मिल जाता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
339 Views
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