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13 Apr 2020 · 1 min read

मुक्तक

हर मोड़ पे कोई न कोई हम से ख़फ़ा है
ऐसा लगता है
सभी वफ़ा के पुतले में हमीं इक बेवफ़ा हैं
~ सिद्धार्थ
2.
बड़ी देर तक ताकती रही तुझ को
फिर कहा … अब चलती हुं
जा के अपने जख्मों को सिलती हूं
~ पुर्दिल सिद्धार्थ

Language: Hindi
1 Like · 203 Views
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