हँसो ठहाका मार
है छोटी-सी ज़िन्दगी,खोना मत बेकार।
पल-पल में जीवन भरा, खुशियों की भंडार।
चुन-चुन कर मोती पिरो, अधरों पे मुस्कान-
हो जाओ बिंदास तुम, हँसो ठहाका मार।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
है छोटी-सी ज़िन्दगी,खोना मत बेकार।
पल-पल में जीवन भरा, खुशियों की भंडार।
चुन-चुन कर मोती पिरो, अधरों पे मुस्कान-
हो जाओ बिंदास तुम, हँसो ठहाका मार।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली