Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2019 · 1 min read

ये कैसी झाँकी है

ये कैसी झाँकी है समाज के।
पूत कपूत है कितना आज के।
मात-पिता के इज्जत भूले हैं-
ये नंगा नाचते बिन लाज के।।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
1 Like · 207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
जगदम्ब शिवा
जगदम्ब शिवा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भूल गई
भूल गई
Pratibha Pandey
मेहनत ही सफलता
मेहनत ही सफलता
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
गांव की बात निराली
गांव की बात निराली
जगदीश लववंशी
दे ऐसी स्वर हमें मैया
दे ऐसी स्वर हमें मैया
Basant Bhagawan Roy
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
जब होंगे हम जुदा तो
जब होंगे हम जुदा तो
gurudeenverma198
लालटेन-छाप
लालटेन-छाप
*Author प्रणय प्रभात*
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
Vindhya Prakash Mishra
*तन पर करिएगा नहीं, थोड़ा भी अभिमान( नौ दोहे )*
*तन पर करिएगा नहीं, थोड़ा भी अभिमान( नौ दोहे )*
Ravi Prakash
पुष्प
पुष्प
Er. Sanjay Shrivastava
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
Sahil Ahmad
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
*पेड़*
*पेड़*
Dushyant Kumar
सिद्धत थी कि ,
सिद्धत थी कि ,
ज्योति
जबरदस्त विचार~
जबरदस्त विचार~
दिनेश एल० "जैहिंद"
2883.*पूर्णिका*
2883.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वेलेंटाइन डे बिना विवाह के सुहागरात के समान है।
वेलेंटाइन डे बिना विवाह के सुहागरात के समान है।
Rj Anand Prajapati
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
Sunil Suman
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दलाल ही दलाल (हास्य कविता)
दलाल ही दलाल (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
तुंग द्रुम एक चारु🥀🌷🌻🌿
तुंग द्रुम एक चारु🥀🌷🌻🌿
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
होके रहेगा इंक़लाब
होके रहेगा इंक़लाब
Shekhar Chandra Mitra
संवेदनाएं
संवेदनाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राहुल की अंतरात्मा
राहुल की अंतरात्मा
Ghanshyam Poddar
संकल्प
संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हमारी मोहब्बत का अंजाम कुछ ऐसा हुआ
हमारी मोहब्बत का अंजाम कुछ ऐसा हुआ
Vishal babu (vishu)
मेरी बेटियाँ और उनके आँसू
मेरी बेटियाँ और उनके आँसू
DESH RAJ
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...