Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2017 · 1 min read

**मील का पत्थर**

*पहुँचाकर मंजिल पर राही को
अभी भी वहीं खड़ा हूँ |

*धूल से ढककर, सूरज से तपकर अभी भी अडिग खड़ा हूँ |

*रुका न कोई पलभर भी
न पूछा मेरा अता-पता |

*देखकर मुझको दूर से यूँ ही
अपनी मंजिल की ओर ही बढ़ा |

*न ली कोई मेरी खैर-खबर
न दो पल भी वहाँ रुका |

*न किया मेरा शुक्रिया उसने
स्वार्थी मानुष धूल उड़ाए चलता ही गया |

*क्या दूँ अपना परिचय में तुम्हें
मैं हूँ वही पाषाण, वही पाषाण हूँ मैं |

*जो मील का पत्थर बन
दिशा निर्देशक-सा अभी भी वहीं हूँ खड़ा ||

Language: Hindi
1252 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चुका न पाएगा कभी,
चुका न पाएगा कभी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए
जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए
प्रेमदास वसु सुरेखा
शिर ऊँचा कर
शिर ऊँचा कर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Dear myself,
Dear myself,
पूर्वार्थ
जोमाटो वाले अंकल
जोमाटो वाले अंकल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"गुब्बारा"
Dr. Kishan tandon kranti
मानव जीवन में जरूरी नहीं
मानव जीवन में जरूरी नहीं
Dr.Rashmi Mishra
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
Manisha Manjari
💐प्रेम कौतुक-293💐
💐प्रेम कौतुक-293💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
डॉ० रोहित कौशिक
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*लव इज लाईफ*
*लव इज लाईफ*
Dushyant Kumar
Who's Abhishek yadav bojha
Who's Abhishek yadav bojha
Abhishek Yadav
2399.पूर्णिका
2399.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गौरैया
गौरैया
Dr.Pratibha Prakash
😊आज के दो रंग😊
😊आज के दो रंग😊
*Author प्रणय प्रभात*
नारी के हर रूप को
नारी के हर रूप को
Dr fauzia Naseem shad
मेरा प्यार तुझको अपनाना पड़ेगा
मेरा प्यार तुझको अपनाना पड़ेगा
gurudeenverma198
*रणवीर धनुर्धारी श्री राम हमारे हैं【हिंदी गजल/गीतिका】*
*रणवीर धनुर्धारी श्री राम हमारे हैं【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Tu wakt hai ya koi khab mera
Tu wakt hai ya koi khab mera
Sakshi Tripathi
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"सुनो एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
उदासी
उदासी
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
द्रौपदी
द्रौपदी
SHAILESH MOHAN
“पतंग की डोर”
“पतंग की डोर”
DrLakshman Jha Parimal
पहला प्यार
पहला प्यार
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...