माता पिता
1222 1222 1222 1222
पिता माता गुरु के ही चरण में शीश झुकता है।
शिवालय मस्जिदें गिरिजा नही अब ईश दिखता है।
बना घर एक मंदिर है जहां रहते मेरे भगवन,
चढ़ाता हूँ सुमन घर में यहीं जगदीश रहता है।
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पिता माता गुरु के ही चरण में शीश झुकता है।
शिवालय मस्जिदें गिरिजा नही अब ईश दिखता है।
बना घर एक मंदिर है जहां रहते मेरे भगवन,
चढ़ाता हूँ सुमन घर में यहीं जगदीश रहता है।