Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2017 · 1 min read

“मां”

माता सिंह पर सवार उनके नव अवतार।
सुबह शाम उनको नमन हम करते हैं।

देती सबको उपरहार भरती जीवन में संचार।
पाकर कृपा पापी कामी भव पार को करते हैं।

करती भक्तों का उद्धार होती उनकी जय-जयकार । मुंडमाला देख-देख खल दल सब डरते हैं।

भोजन करती अहंकार भक्ति करे संसार।
लेकर नाम जिनका चरण वंदन हम करते हैं।

अष्टभुजा है अपार उनके नयन हजार।
जो दृष्टि से सृष्टि का नजारा नित् करते हैं।

भर दे गर् वह हुंकार मच जाए हाहाकार।
उनकी दृष्टि से सृष्टि में प्रलय हुआ करते हैं।

मिले भक्तों को दुलार उठती खुशी की बहार।
देव दानव साथ-साथ नमन फिर करते हैं।

करो सच्ची पुकार सुनती माता दरकार।
सुख समृद्धि शांति मोक्ष तेरे द्वार खटकते हैं।

उनका वंदन बारंबार जिनकी रचना संसार।
एक स्वर में सभी जन पुकार मां की करते हैं।

प्रशांत शर्मा “सरल’
नेहरु वार्ड नरसिंहपुर
मोबाइल नंबर 9009594797

Language: Hindi
730 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
shabina. Naaz
#लघुव्यंग्य-
#लघुव्यंग्य-
*Author प्रणय प्रभात*
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
फ़ासला गर
फ़ासला गर
Dr fauzia Naseem shad
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माँ
माँ
Kavita Chouhan
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
दुष्यन्त 'बाबा'
दुम
दुम
Rajesh
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
Vishal babu (vishu)
जीवन एक मकान किराए को,
जीवन एक मकान किराए को,
Bodhisatva kastooriya
शासन अपनी दुर्बलताएँ सदा छिपाता।
शासन अपनी दुर्बलताएँ सदा छिपाता।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Budhape ki lathi samjhi
Budhape ki lathi samjhi
Sakshi Tripathi
वह मुस्कुराते हुए पल मुस्कुराते
वह मुस्कुराते हुए पल मुस्कुराते
goutam shaw
अहसास
अहसास
Sandeep Pande
जीत कहां ऐसे मिलती है।
जीत कहां ऐसे मिलती है।
नेताम आर सी
प्रश्न
प्रश्न
Dr MusafiR BaithA
अभी दिल भरा नही
अभी दिल भरा नही
Ram Krishan Rastogi
★दाने बाली में ★
★दाने बाली में ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
*चार दिन को ही मिली है, यह गली यह घर शहर (वैराग्य गीत)*
*चार दिन को ही मिली है, यह गली यह घर शहर (वैराग्य गीत)*
Ravi Prakash
ऐ मौत
ऐ मौत
Ashwani Kumar Jaiswal
मययस्सर रात है रोशन
मययस्सर रात है रोशन
कवि दीपक बवेजा
I am always in search of the
I am always in search of the "why",
Manisha Manjari
"वैसा ही है"
Dr. Kishan tandon kranti
विनाश की जड़ 'क्रोध' ।
विनाश की जड़ 'क्रोध' ।
Buddha Prakash
सच
सच
Sanjay ' शून्य'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
Phool gufran
@The electant mother
@The electant mother
Ms.Ankit Halke jha
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
Kuldeep mishra (KD)
2603.पूर्णिका
2603.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...