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15 Nov 2018 · 1 min read

मां के संस्कारों का सम्मान

ये नव जीवन पाया तुझसे मां
तुझ पर अर्पित पावन सुमन मां

तुझ पर क्या लिखूं कविता मां
तू स्वयं ही जीवन में परिपूर्ण मां

तेरी क्या उपमा दूं मैं इस संसार को
तुझी से पाया अनमोल प्यार है

कोशिश यही है सदैव मेरी मां
तूने ही दिये संस्कारों को प्रकाश
रूपी दीपक से सर्वत्र प्रकाशित कर पाऊं

तूने ही सिखाए सत्य के पथ पर
अपने बच्चों को भी राह दिखा पाऊं
तेरा भोलापन याद रहेगा मां
मेरा अंतर्मन इसका गवाह मां

मां तेरी ही अभिलाषा से
देश के शहीदों को नमन करते हैं
तेरे ही आशीर्वाद से जीवन में सफल होते हैं

इतना साहस दे मां मुझे इस जीवन में
निडरता से अन्याय का विरोध कर पाऊं

और आभार करूं सभ्यता का जिसके सहयोग से
संस्कारों का सम्मान होगा मां साथ ही रोशन होगा नाम

लेखिका
श्रीमती आरती अयाचित
भोपाल
मोबाइल नंबर-9826332698

28 Likes · 101 Comments · 1018 Views
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