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1 Nov 2018 · 1 min read

माँ

तूने मुझे लिखा है
मैं तुझ पर क्या लिख सकता हूँ।
‘मदर्स डे’ पर लोग मुझसे कहने लगे माँ पर कुछ लिख।
मैं क्या लिखूँ।
क्या मैं सचमुच इतना बडा हो गया कि
तुझ पर कुछ लिखूँ।
दुनिया में सबसे बडी तू है
सबसे पहली गुरु भी तो तू ही है।
क्या मेरी कलम सक्षम है ओर कुछ लिखने में।
जन्म देकर बहुत उपकार किया है मुझपर
बडे. नाजो से पाला रात-रात भर जागी।
ज्यों’- ज्यों मैं बडा होता गया
तुमसे दूर होता चला गया।
कितने दुःख सहन करती हो आज भी मेरे लिए।
हर पल प्रार्थना रहती है परमपिता से
मेरा बेटा खुश रहे।
एक तुम ही हो जो मेरे भविष्य की चिंता करती हो
फिर मैं तुम्हें क्यों भूल जाऊँ।
माँ तुम महान हो ।
दुनिया के किसी शब्दकोष में कोई ऐसे शब्द नहीं जो तुम्हारी महिमा का बखान कर सकें।
प्रणाम माँ। बारम्बार प्रणाम।।

अशोक छाबडा
गुरूग्राम।

11 Likes · 54 Comments · 893 Views
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