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9 Nov 2018 · 1 min read

माँ

जिसने हमसब का सृर्जन की माली।
जिनकी ममता अद्भुत निराली।
वो जन्म दी पाली और पोषी।
उसकी पाँव हिमालय से ऊंची।

माँ शब्द नही जीवन का वरदान है।
माँ सभी दुविधा का अचूक उपचार है।
जिन बेटो पर माँ का आशीर्वाद है
उसके चरणो मे झुका ये संसार है ।

भगवान को देखा कभी नही संसार में।
भगवान रुप मे सामने देखा है माँ को घर समाज में।
माँ ही सरस्वती माँ ही दुर्गा माँ ही है माँ लक्ष्मी।
माँ ही मिट्टी माँ ही नीर माँ ही है माँ भारती।

माँ कि सेवा से सब मनोरथ पुरी।
माँ के बिन सब दौलत- शोहरत अधूरी!
हम सब मिलकर करे माँ की आरती
जीवन खुशहाल माँ कर देती।

जिन बेटो ने माँ का ह्रदय दु:खाया ।
भटक- भटक कर हर जगह से ठुकराया।
फिर भी माँ उसे गले से लगाया ।
समझो इनसान माँ की ममता और छाया।

Cb human
Darbhanga(bihar)

Language: Hindi
16 Likes · 21 Comments · 709 Views
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