माँ
तुम पास नही हो माँ मेरे
पर अहसास पास का देती हो
हर दिन सोने जाती हूं तो
माँ याद तूम्हारी आती हैं।
जब समझू की कोई साथ नही
तुम साथी बन आ जाती हो
जब तन्हा देखो तुम मुझको
तुम पास मेरे आ जाती हो।
एक मुस्कान झूठ की देकर
तुम अपने लोक चल देती हो
तुम पास नही हो माँ मेरे
पर अहसास पास का देती हो।
माँ सच मे तुम
बहुत याद आती हो
माँ सच मे
याद आती हो।
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद