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15 Jul 2017 · 1 min read

माँ

बिनु माँ के सूनी धरा, सूना है संसार ।
ममता माता से सिखो, कहे राज यह सार ।
माँ की महिमा है अमित , वर्णित वेद पुराण ।
जो नर महिमा नित कहे , होता है कल्याण ।
===============================
मनमंदिर की मूरति माता , तीरथ हैं घर द्वार।
गंगा जमुना सरस्वती जल, संगम प्रिय संसार ।
राजकिशोर मिश्र ‘राज’ प्रतापगढ़ी

Language: Hindi
1 Like · 518 Views
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